Cyclone Yaas: ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय कस्बों और गांवों में समुद्र का पानी घुसा, कई जिलों में हुई बारिश
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में यास तूफान के पहुंचने से पहले ही समुद्र का पानी कई तटीय कस्बों एवं गांवों में घुस गया. पूर्वी मिदनापुर के दीघा में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं. समुद्र में उठी ऊंची लहरों के कारण पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया .
कोलकाता/भुवनेश्वर/धामरा/दीघाः ओडिशा में धामरा बंदरगाह के निकट गंभीर चक्रवात ‘यास’ के आने का सिलसिला सुबह सवा नौ बजे शुरू हो गया. ओडिशा और पश्चिम बंगाल में यास के पहुंचने से पहले ही, समुद्र का पानी कई तटीय कस्बों एवं गांवों में घुस गया. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने बताया कि चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसके पूरा होने में तीन से चार घंटे का समय लगेगा. बालासोर और भद्रक जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगे. उन्होंने बताया कि चक्रवात तट पर बहनागा ब्लॉक के निकट धामरा के उत्तर और बहनागा के दक्षिण में पहुंच गया.
‘डॉपलर’ रडार डेटा के अनुसार, इस दौरान 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली.जेना ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों से करीब 5.80 लाख लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है. पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को बताया था कि नौ लाख लोगों को आश्रयस्थलों में पहुंचाया गया है.
130 से 140 किलोमीटर की गति से हवा चली
मौसम विभाग ने पहले कहा था कि चक्रवात के दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा रहने और इसके बढ़कर 185 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की संभावना है, लेकिन चक्रवात के पहुंचने के दौरान 130 से 140 किलोमीटर की गति से हवा चली, जिसके अब बढ़कर 155 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की संभावना है.
जेना ने कहा कि चक्रवात अनुमानित समय से कुछ घंटों की देरी से पहुंचा, क्योंकि इसकी रफ्तार 15-16 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होकर 12 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई. उन्होंने बताया कि देर रात दो बजे के बाद चक्रवात की तीव्रता और नहीं बढ़ी.जेना ने कहा, ‘‘तीव्रता में कमी आने के कारण चक्रवात के पहुंचने के दौरान 165 किलोमीटर प्रति घंटे के बजाय 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं.’’
कई जगह पानी भरने की आशंका
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि पश्चिम बंगाल के पांच और ओडिशा के चार उप-मंडलों और ब्लॉक में पानी भरने की आशंका है.सबसे अधिक पानी भद्रक जिले में भरने की आशंका है .इतनी ऊंची लहरों वाले तूफान का एक कारण पूर्णिमा भी है. बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, कंठी, डायमंड हार्बर, बशीरहाट, तामलुक और उलुबेरिया में समुद्र का पानी भरने की आशंका है. दीघा की गलियों में समुद्र का पानी भर गया है. समुद्र से आए ज्वार के पानी के कारण सड़कों पर कई वाहन पलट गए.
पूर्वी मिदनापुर के कई इलाकों में भरा पानी
कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि शहर में अधिकतम 62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. पूर्वी मिदनापुर के दीघा में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलीं. उन्होंने बताया कि समुद्र में उठी ऊंची लहरों के कारण पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना के कई निचले इलाकों में पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया.
मौसम विभाग ने चक्रवात के दस्तक देने के दौरान पूर्वी मिदनापुर के निचले तटीय इलाकों में समुद्र में दो से चार मीटर और दक्षिण 24 परगना में दो मीटर ऊंची लहरें उठने का अनुमान जताया था. पश्चिम बंगाल और ओडिशा के अधिकतर हिस्सों में रातभर बारिश हुई।
ओडिशा में एनडीआरएफ की 52 टीमें हैं तैनात
ओडिशा के संवेदनशील जिलों में एनडीआरएफ की 52 टीम, ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल (ओडीआरएएफ) की 60 टीम, अग्निशमन दल की 205 टीम और वन विभाग की लकड़ी काटने वाली 60 टीम समेत करीब 404 बचाव दलों को तैनात किया गया है. पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश ने भी आपदा राहत बल, पुलिस बल और अग्निशमन बल के कर्मी बड़ी संख्या में तैनात किए हैं.
पश्चिम बंगाल बचाव कार्यों में मदद कर रही सेना
भारतीय सेना की पूर्वी कमान भी पश्चिम बंगाल सरकार के साथ समन्वय स्थापित करके बचाव कार्यों में मदद कर रही है. सेना ने पश्चिम बंगाल में 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं. इस बीच, पश्चिम बंगाल के हुगली और उत्तरी 24 परगना जिलों में मंगलवार को तूफान आने के बाद कम से कम दो व्यक्तियों की करंट लगने से मौत हो गयी और करीब 80 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस तूफान को ‘बवंडर’ बताया.
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