नई दिल्ली: दिल्ली में हो रही सीलिंग के विरोध में कल मंगलवार को सात लाख से ज्यादा दुकानें बंद रहेंगी. दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ आक्रोश प्रकट करने के लिए कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कल दिल्ली व्यापार बन्द बुलाया है. पिछले एक महीने से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमिटी के आदेश पर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है.
इस दौरान दिल्ली के अलग अलग मार्केट में करीब 600 से अधिक दुकानों का बेसमेंट, अपर फ्लोर, सेकंड फ्लोर और दुकानें सील कर दी गई हैं. इन दुकानों पर काम करने वाले सैकड़ों लोग इस सीलिंग के चलते बेरोजगार हो चुके हैं.
क्या है सीलिंग?
दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी मॉनिटरिंग कमिटी के साथ दिल्ली भर की अवैध निर्माण वाली दुकानों को सील कर रहे हैं. मास्टर प्लान 2021 के मुताबिक मार्केट में भी ग्राउंड फ्लोर के अलावा अपर और सेकंड फ्लोर का इस्तेमाल रेजिडेंशल पर्पज के अलावा दूसरे किसी चीज में इस्तेमाल हो रहा है, उन्हें कन्वर्जन चार्ज देना होगा. अगर दुकानदार ऐसा नहीं करते हैं, तो उसे सील किया जा रहा है.
दरअसल दिल्ली में किसी भी तरह के निर्माण के लिए नगर निगम से इजाजत लेनी पड़ती है. लेकिन दिल्ली कई इलाकों में धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण को देखते हुए 2005 में दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसे किसी भी कंस्ट्रक्शन को ढहाने के आदेश दिए थे. आदेश के बावजूद दिल्ली नगर निगम के ढीले रवैये को देखते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
2006 में सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिय. उसी बीच सरकार ने दुकानों को सीलिंग से बचाने के 'कन्वर्जन चार्ज' का नया प्रावधान किया, ताकि दुकानदार एक तय राशि देकर अपनी दुकानें बचा सकें. फिर भी कई सारे दुकानदारों ने कन्वर्जन चार्ज नहीं चुकाया और फिर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी निगरानी में गठित कमिटी को सीलिंग का आदेश दे दिया.
कन्वर्जन चार्ज न देने वालों का निर्माण अवैध होने पर उसे गिराने का भी आदेश है. इसके तहत खान मार्केट और डिफेंस कॉलोनी जैसे पॉश इलाकों में कार्रवाई की जा रही है. जिससे व्यापारियों पर संकट आ गया है.
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑइल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बंद की घोषणा करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में दिल्ली नगर निगम कानून 1957 के मूलभूत प्रावधानों को ताक पर रख सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है.
क्या होगा कल?
कल के बन्द और धरना प्रदर्शन की वजह से सभी फुटकर और थोक दुकानें बंद रहेंगी. किसी भी तरह की व्यापारिक गतिविधि नहीं होगी. कल दिन में में 12 बजे से पुरानी दिल्ली के हौज़ काज़ी चौक पर बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा.
दिल्ली में दोबारा लटकती सीलिंग की तलवार के बीच सुप्रीम कोर्ट में अब तक हुई कार्रवाई की खास बातें
2006 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के रिहायशी इलाकों में व्यवसायिक गतिविधियों वाली इमारतों पर कार्रवाई का आदेश दिया था. ऐसे मामलों में कार्रवाई पर एमसीडी के लचर रवैये को देखते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग के पूर्व सलाहकार के जे राव की अध्यक्षता में एक मॉनिटरिंग कमिटी बनाई. कमिटी की निगरानी में पूरी दिल्ली तेज़ी से अवैध इमारतों की सीलिंग का काम शुरू हो गया.
इससे दिल्ली में मचे हाहाकार के बीच 2006 में ही केंद्र सरकार ने दिल्ली स्पेशल प्रोविजन बिल लाया. इसके तहत न सिर्फ कई इलाकों को रिहायशी से बदलकर व्यवसायिक किया गया. बल्कि तब तक बन चुकी अवैध इमारतों को सीलिंग के दायरे से बाहर कर दिया गया. हालांकि 2006 के बाद हुए अवैध निर्माण की सीलिंग चलती रही. 2012 में केंद्र सरकार ने दिल्ली के नए मास्टर प्लान को मंजूरी दी. तब सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले को दिल्ली हाई कोर्ट भेज दिया. इसके बाद दिल्ली में सीलिंग रुक गई.
इस बीच 2006 में लाए कानून को सरकार बार बार आगे बढ़ाती रही. फिलहाल जुलाई 2014 तक हुए निर्माण सीलिंग के दायरे से बाहर हैं. ऐसे निर्माण को संरक्षण की मियाद 31 दिसंबर 2017 तक थी. इसे भी सरकार ने एक बार फिर बढ़ा कर 2020 कर दिया है.
फिलहाल दिल्ली में सीलिंग सिर्फ उन्हीं इमारतों की चल रही हैं जिनमें जुलाई 2014 के बाद अवैध निर्माण हुआ है. अब सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर हाई कोर्ट से मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लिया है. कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमिटी को भी दोबारा सक्रिय कर दिया है. मॉनिटरिंग कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केंद्र का कानून अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाला है.
कोर्ट ने इस पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा. मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी. अगर सुप्रीम कोर्ट अवैध निर्माण को बचाने वाले केंद्र के कानून को रद्द कर देता है तो बड़े पैमाने पर सीलिंग शुरू हो जाएगी.
आम आदमी पार्टी करेगी कल दिल्ली बंद
वहीं आम आदमी पार्टी ने खुदरा बाजार में सौ फीसदी एफडीआई की छूट देने और बीजेपी शासित तीनों नगर निगमों के सीलिंग अभियान के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली बंद का आह्वान किया है. पार्टी कार्यकर्ता दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करेंगे. आप की विज्ञप्ति के अनुसार विरोध प्रदर्शन के पहले चरण में 23 जनवरी को आप कार्यकर्ता दिल्ली के सभी बाजार बंद कर व्यापारियों के साथ सड़कों पर उतरेगे. बंद का नेतृत्व आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय करेंगे.
प्रदर्शन में राय के अलावा मंत्री इमरान हुसैन और चांदनी चौक की पूर्व विधायक अल्का लांबा पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में टाउन हॉल पर पहुंचेंगे जहां व्यापारियों के साथ मिलकर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और सीलिंग का विरोध करेंगे. इसके साथ पार्टी कार्यकर्ता सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जिला इकाई प्रमुखों के साथ विरोध प्रदर्शन करायेंगे.