Ram Nath Kovind Retirement: कभी था LJP का गढ़, रिटायरमेंट के बाद ये बंगला हो सकता है राष्ट्रपति कोविंद का सेकंड इनिंग हाउस !
President Election: सूत्रों के मुताबिक उससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए 12 जनपथ पर रिटायरमेंट के बाद नए घर की तैयारियां शुरू हो गई हैं, जो लुटियन्स दिल्ली के सबसे बड़े बंगले में से एक है.
New President: दो महीने से कुछ ज्यादा समय बाद देश को या तो नया राष्ट्रपति मिल जाएगा या फिर मौजूदा राष्ट्रपति को दूसरा कार्यकाल. लेकिन सूत्रों के मुताबिक उससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए 12 जनपथ पर रिटायरमेंट के बाद नए घर की तैयारियां शुरू हो गई हैं, जो लुटियन्स दिल्ली के सबसे बड़े बंगले में से एक है.
घर की साज-सज्जा का काम जोरो-शोरों से चल रहा है. 12 जनपथ तीन दशकों तक पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को आवंटित रहा, जहां उनका परिवार 2020 में उनकी मृत्यु के बाद भी रहता रहा. बाद में केंद्र सरकार ने यह घर खाली करा लिया. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक मामले से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि नया बंगला राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके परिवार के लिए तैयार किया जा रहा है. हालांकि अब तक इसे अलॉट नहीं किया गया है.
राष्ट्रपति के प्रेस सेक्रेटरी अजय कुमार सिंह ने उस सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें पूछा गया था कि क्या राष्ट्रपति कोविंद रिटायरमेंट के बाद भी दिल्ली में रहेंगे, वो भी 12 जनपथ में.
कभी था एलजेपी का गढ़
12 जनपथ कभी लोक जनशक्ति पार्टी का गढ़ था. 30 साल तक राम विलास पासवान इस घर में रहे. साल 2004 में यह घर तब भी चर्चा में रहा था, जब सोनिया गांधी यूपीए की सरकार बनवाने के लिए अपने आवास 10 जनपथ से निकलकर पासवान का समर्थन मांगने यहां आई थीं.
अगर प्रेसिडेंट कोविंद दोबारा चुने नहीं जाते हैं तो बतौर पूर्व राष्ट्रपति वह राष्ट्रपति परिलब्धियों और पेंशन अधिनियम, 1951 के अनुसार, बिना कोई लाइसेंस फीस और सेक्रेटेरियल स्टाफ का भुगतान किए बिना, इसके मेंटेनेंस सहित एक फर्नीश्ड घर में रह सकेंगे.
उनका कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है. जुलाई की शुरुआत में राष्ट्रपति चुनाव हो सकते हैं. डॉ राजेंद्र प्रसाद को छोड़कर कोई भी राष्ट्रपति दो कार्यकाल पूरे नहीं कर पाया है.
दो साल बिहार का गवर्नर रहने के बाद कोविंद ने 25 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति पद संभाला था. वह उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं और दिल्ली में दशकों से रह रहे हैं. 1971 में वह बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में बतौर एडवोकेट नियुक्त हुए थे. फिर सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड और सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के स्थायी वकील. इसके बाद यूपी से 1994-2006 तक राज्यसभा सांसद रहे.
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