I.N.D.I.A Seat Sharing: बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव को लेकर एकजुट हुए विपक्षी गठबंधन इंडिया के सामने सीट शेयरिंग सबसे बड़ा सवाल है. इस बीच गठबंधन इंडिया में शामिल कांग्रेस और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. पांच बड़ी बातें-
1. आप और कांग्रेस की दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर बैठक में दोनों पार्टियों ने बीजेपी के खिलाफ एकजुटता की बात दोहराई. इस मीटिंग में लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर कुछ साफ नहीं हुआ है. मीटिंग में आप नेता संदीप पाठक, आतिशी और सौरभ भारद्वाज शामिल हुए. वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय गठबंधन समिति समिति के संयोजक मुकुल वासनिक, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेता शामिल हुए.
2. कांग्रेस नेता वासनिक ने कहा कि चुनाव से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा, ‘‘हमने आगामी चुनावों के लिए कई मुद्दों को लेकर बैठक की. बातचीत जारी रहेगी और हम फिर मिलेंगे. उसके बाद ही हम सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लेंगे. हर चीज पर विस्तार से चर्चा हुई. हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे. हम बीजेपी को शिकस्त देंगे.’’
3. सीट शेयरिंग की चर्चाओं के बीच एबीपी न्यूज को सूत्रों ने बताया कि सोमवार (8 जनवरी) की बैठक में आप और कांग्रेस के बीच पंजाब को लेकर कोई बात नहीं हुई. दोनों पार्टियों पंजाब में सर्वे करवा रही है. इसके आधार पर अगला कदम तय होगा. सूत्रों ने कहा कि दोनों पार्टियों में दिल्ली की सात सीटों को लेकर फॉर्मूला तैयार हो गया है. इसमें आप को 4 सीटों देने पर सहमति बनी है तो वहीं कांग्रेस तीन सीटों पर लड़ सकती है. आप की दिल्ली और पंजाब में सरकार है.
4. ऐसे में आप और कांग्रेस के बीच पंजाब में तालमेल पर फैसला सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद होगा. पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 7 कांग्रेस के पास है. वहीं आप के एक सांसद हैं. ऐसे में कांग्रेस गठबंधन में ज्यादा सीटें चाहती है तो वहीं न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि आप इसके लिए राजी नहीं है.
5. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि AAP गुजरात, गोवा और हरियाणा में भी कांग्रेस से सीटें चाहती है. ये ऐसे समय सामने आ रहा है जब हाल ही में आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने कहा कि चैतर वसावा आम चुनाव में भरूच लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे. केजरीवाल के इस ऐलान को कांग्रेस पर प्रेशर के तौर पर देखा जा रहा है.
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