नई दिल्लीः किसानों का आंदोलन आज दूसरे दिन भी जारी रहने के बीच कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने किसानों के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मीडिया में आने के लिए कुछ अनोखा काम करना ही पड़ता है. कुछ अनोखा करेंगे तभी तो मीडिया में आएंगे. इसीलिए किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.  देश में करोड़ों की संख्या में किसान हैं और उसमें कुछ किसानों का ये प्रदर्शन मायने नहीं रखता है. किसानों ने केंद्र की किसान विरोधी कथित नीतियों के खिलाफ कल से 10 दिनों का आंदोलन शुरू किया है.


पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग शहरों में सब्जियों की कीमतें बढ़नी शुरू हो गई हैं.
किसान आंदोलन के दूसरे दिन कृषि उत्पादों की मंडियों में ताजा सप्लाई कम हो गई है और यहां तक कि किसान सब्जियां और दूध सड़कों पर फेंक रहे हैं और शहरों को इनकी सप्लाई रोक रहे हैं.


क्यों हो रहा है किसान आंदोलन
किसान एकता मंच और राष्ट्रीय किसान महासंघ के बैनर तले किसानों ने एक जून से 10 जून तक सप्लाई बंद करने का फैसला किया है. इसके तहत वे सब्जियों, फल, दूध और अन्य वस्तुओं की शहरों को सप्लाई बंद कर रहे हैं. किसान संगठन न्यूनतम आय गारंटी योजना और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने और कृषि रिण माफ करने की मांग कर रहे हैं.


बढ़ गई हैं सब्जियों की कीमतें
हालांकि किसान आंदोलन का असर कृषि वस्तुओं पर कल नहीं दिखा था लेकिन कई शहरों में सब्जियों का रिटेल मूल्य दूसरे दिन 10 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गया. इसके चलते शहरों में लोगों को सब्जियां खरीदने के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ा. कारोबारियों ने कहा है कि मंडियों में सब्जियों की ताजा सप्लाई कम हो गई है जिससे आने वाले दिनों में उनकी कीमतें बढ़ने की आशंका है.


अलग-अलग शहरों से आई खबरों के मुताबिक
पंजाब में नाभा, लुधियाना, मुक्तसर, तरन तारन, नांगल और फिरोजपुर सहित कई स्थानों पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. सब्जियों और दूध को शहरों में जाने देने से रोकने के लिए किसानों द्वारा नाकाबंदी करने की भी खबरें हैं. फिरोजपुर में किसानों ने जबरन सब्जी मंडी बंद करा दीं. पुलिस ने बताया कि बठिंडा में किसानों ने कुछ दूध विक्रेताओं को शहर जाने से रोक दिया, मोहाली में किसानों के एक समूह ने वर्का दुग्ध संयंत्र के प्रवेश द्वार को अपने वाहनों से अवरूद्ध कर दिया.


नासिक के बजारों में फलों, दूध की सप्लाई बाधित
किसानों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन आज महाराष्ट्र के नासिक जिले में विभिन्न बाजार समितियों तक सब्जियां पहुंचाने और जिले में दूध एकत्रित करने पर असर देखा गया. जिले की सभी दूध डेयरियां बंद हैं और दूध इकठ्ठा करने वाले केंद्र इससे प्रभावित हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज सुबह येओला तालुका के विसपुर में सड़कों पर दूध उड़ेल दिया. एपीएमसी में सब्जियां बहुत धीमी गति से पहुंचाई जा रही हैं. नासिक कृषि उत्पादन बाजार समिति के एक अधिकारी ने बताया कि विरोध के चलते सब्जियां देरी से पहुंचाई जा रही हैं.


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