थिम्पू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय भूटान दौरे का आज दूसरा दिन है. पीएम मोदी आज रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान में युवा भूटानी छात्रों को संबोधित करेंगे. इससे पहले पीएम मोदी ने भूटान के अपने समकक्ष लोतै शेरिंग से शनिवार को विभिन्न विषयों पर बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय भागीदारी को और प्रगाढ बनाने के कदमों पर चर्चा की. नई दिल्ली और थिंपू के बीच हाइड्रो पावर और शिक्षा सहित पांच क्षेत्रों से जुड़े एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया. पीएम मोदी दूसरी बार भूटान आए हैं और इस साल मई में फिर से चुने जाने के बाद उनकी यह पहली यात्रा है.


भूटान पहुंचने पर पीएमम मोदी का हुआ जोरदार स्वागत


भूटान नरेश और उनकी पत्नी महारानी जेत्सुन पेमा के साथ उनकी मुलाकात से पहले प्रधानमंत्री के लिए यहां तशीचोडज़ोंग महल में पारंपरिक चिपड्रेले जुलूस और स्वागत समारोह का आयोजन किया गया था . यह आयोजन अतिथि जिस मार्ग से गुजरता है उसके शुद्धिकरण के लिए किया जाता है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महल में आयोजित स्वागत समारोह में सलामी गारद का निरीक्षण किया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ मुलाकात की और भारत-भूटान साझेदारी को आगे ले जाने वाले ‘‘अनुकरणीय’’विचारों का आदान-प्रदान किया.


ऐसा दोस्त और पड़ोसी कौन नहीं चाहेगा- भूटान को लेकर मोदी


प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंघे वांगचुक से मुलाकात की तथा भारत और भूटान के संबंधों को मजबूत करने के उनके निरंतर एवं अनोखे मार्गदर्शन के लिए उनकी सराहना की. भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग के साथ संयुक्त बयान में मोदी ने कहा कि भूटान नरेश की बुद्धिमता और दूरदर्शिता ने लंबे समय तक द्विपक्षीय संबंधों को निर्देशित किया है. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘यही नहीं, उनकी दृष्टि ने भूटान को पूरी दुनिया के लिए एक अद्वितीय उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है, जहां विकास को आंकड़ों से नहीं, बल्कि खुशी से मापा जाता है. जहां आर्थिक विकास परंपरा और पर्यावरण के साथ चलता है . ऐसा दोस्त और पड़ोसी कौन नहीं चाहेगा .’’


दोनों देशों ने अपने संबंधों में नयी ऊर्जा का संचार करने के लिए 10 सहमति करार पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों ने अंतरिक्ष अनुसंधान, विमानन, सूचना प्रौद्योगिकी, बिजली एवं शिक्षा सहित दस क्षेत्रों में सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये . मोदी ने शब्दरूंग नामग्याल द्वारा 1629 में निर्मित सिमटोखा जोंग में खरीदारी कर रूपे कार्ड की भी शुरुआत की. सिमटोखा जोंग भूटान में सबसे पुराने स्थलों में एक है और यह मठ और प्रशासनिक मामलों का केंद्र है.


भूटान में रूपे कार्ड की शुरूआत


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मैं आज बहुत खुश हूं, हमने भूटान में रूपे कार्ड की शुरूआत की है. इससे डिजिटल भुगतान और व्यापार तथा पर्यटन में हमारे संबंध और आगे बढ़ेंगे. हमारी साझा आध्यात्मिक धरोहर और लोगों के बीच मजबूत आपसी संपर्क हमारे संबंधों की कुंजी हैं.’’ मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हमने गहन चर्चा की, जिसमें हमने भारत और भूटान के बीच संबंधों पर विचार-विमर्श किया. हमारे राष्ट्रों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और बेहतर बनाने की बहुत गुंजाइश है.’’


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