नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और उपकरणों से जुड़े मसले पर संसद की केमिकल एंड फर्टिलाइजर से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के सामने चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक इस चर्चा के दौरान संबंधित अधिकारियों ने कमेटी को कोरोना कि दूसरी लहर के दौरान सरकार की तरफ से क्या-क्या तैयारियां की गईं थीं और किस तरह की चुनौतियां सामने आईं. उस बारे में जानकारी दी. 


सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों की तरफ से कमेटी को बताया गया कि शुरुआत में इस वजह से दिक्कत पेश आई क्योंकि जिस स्तर और तेज़ी से मामले बढ़े उसका अंदाजा नहीं था. लेकिन धीरे धीरे जरूरत के हिसाब से दवाओं और दवा बनाने के लिए जरूरी रॉ मैटेरियल का भी इंतजाम देश में कर लिया गया.


अधिकारियों ने कमेटी को बताया कि शुरुआत में सिर्फ तीन कंपनियां ही कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों का उत्पादन कर रही थीं, लेकिन मामले बढ़ने के साथ ही सरकार ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए दवाओं का उत्पादन बढ़ाया और 7 कंपनियां फिलहाल कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों का उत्पादन कर रही हैं. 


तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए भी बड़े पैमाने पर दवाइयों और इलाज में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का इंतजाम किया जा रहा है. बैठक के दौरान अलग-अलग राज्यों से जुड़े हुए प्रतिनिधियों ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्यों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा, उसकी जानकारी भी कमेटी के सदस्यों के सामने रखी.


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