भारत में Coronavirus की सेकेंड वेव पहले की तुलना में ज्यादा संक्रामक लेकिन कम घातक-Analysis
भारत में Coronavirus की सेकेंड वेव पहले की तुलना में ज्यादा संक्रामक है लेकिन कम घातक है. बता दें कि एक एनालिसिस में इस बात का पता चला है कि देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन मृत्यु दर घट रही है.
भारत में कोरोना संक्रमण की सेकेंड वेव पहले की तुलना में ज्यादा संक्रामक है लेकिन कम घातक है. कई विशेषज्ञों और महामारी विज्ञानियों द्वारा इसका पूर्व अनुमान लगाया गया था. गौरतलब है कि गुरुवार को कोरोना संक्रमण के 81 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. ये आंकडा पिछले साल अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने 23 बड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण फैलने के पहले चरण और सेकेंड वेव की तुलना की है. इस एनालिसिस में नए मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिला है.
देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज
गौरतलब है कि मामलों की वृद्धि दर के आधार पर महामारी को दो व्यापक स्टेज में विभाजित किया जा सकता है. शुरुआती फेज- जो पिछले साल जनवरी में शुरू हुआ था. ये फेज पिछले साल ही सितंबर के आसपास पीक पर था और फरवरी के मध्य में ये ठंडा पड़ गया था. वहीं इसी साल फरवरी के बाद लेटेस्ट फेज शुरू हुआ है. इसमें ज्यादातर राज्यों (महाराष्ट्र और पंजाब को छोड़कर) संक्रमण की रफ्तार हर दिन बढ़ रही है. ये वृद्धि घटे हुए हुए कर्ब और शिथिलता की वजह से हो सकती है. वहीं आकंडे इस बात की तस्दीक भी करते हैं कि पांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों-महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश और चंड़ीगढ़ में दूसरी लहर चरम पर है. यहां मामलों ने पिछले चरण को भी पार कर दिया है.
महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले
महाराष्ट्र में, पहली लहर 9 मार्च, 2020 को शुरू हुई और 22 दिसंबर, 2020 को समाप्त हुई थी. , जब दैनिक औसत मामले अपने न्यूनतम वैल्यू पर पहुंच गए थे. इन 288 दिनों की अवधि में, 19 लाख मामले दर्ज किए गए, जो औसतन एक दिन में 6,606 थे. 22 दिसंबर के बाद से, राज्य में मामलों में एक और उछाल देखा जा रहा है. 31 मार्च, 2021 तक 9.1 लाख मामले दर्ज किए गए यानी एक दिन का औसत 9,197 मामले हैं. इसी प्रकार पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश में भी हर दिन संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है,
मामले बढ़ रहे हैं लेकिन मृत्यु दर कम
डेली केस में हो रहे इजाफे के अलावा इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महमारी के जारी स्टेज में मृत्यु दर में नाटकीय गिरावट देखी जा रही है. महाराष्ट्र में केस फैटिलिटी रेट (CFR) में 75 प्रतिशत, पंताब में 41 प्रतिशत, गुजरात में 83 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 72 प्रतिशत और चंडीगढ़ में 65 प्रतिशत की कमी देखी गई है. वहीं दिल्ली के होली फैमिली अस्पताल में क्रइटिकल केयर मेडिसन के प्रमुख डॉ सुमित रे के मुताबिक, “ ऐसा प्रतित हो रहा है कि वायरस अधिक संक्राम और कम घातक है, क्योंकि देशभर में ओवरऑल मृत्यु दर पहले के मुकाबले लगभग एक तिहाई रह गई है.”
डॉ सुमित रे कहते हैं कि मौजूदा लहर में कम मृत्यु दर की असल वजह युवाओं में संक्रमण का ज्यादा होना है. वे कहते हैं कि अब देश में बड़ी संख्या में बुजुर्गों का टीकाकरण किया जा चुका है. वहीं युवा कोरोना नियमों का ज्यादा पालन नहीं करते हैं. ऐसे में इन युवाओ के ही कोरोना संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है.
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