नई दिल्ली : कश्मीर में गर्मियों के दौरान पत्थरबाजों के लिए फिर से फंडिंग शुरु हुई है. लेकिन पत्थरबाजों की फंडिंग की जांच कर रही एजेंसी NIA को पता चला है कि पाकिस्तान में बैठे आतंक के हुक्मरानो ने भारतीय एजेंसियों कि आंखों में धुल झोकने कि एक नई तरकीब निकाली है.


ABP न्यूज़ को ख़ुफ़िया सूत्रों से पता चला है कि घाटी के पत्थरबाजों कि फंडिंग के लिए पाकिस्तान ने कैशलेस फंडिंग का प्लान बनाया है, लेकिन ये कैशलेस फंडिंग किसी बैंक के द्वारा नहीं बल्कि सदियों पुराने बार्टर सिस्टम यानी वास्तु विनिमिमय प्रणाली के के जरिये हो रहा है. अक्टूबर 2008 से इस बार्टर सिस्टम के ज़रिए 21 समानो का व्यापार कश्मीर घाटी से पीओके से होता है, जो ऊरी से  मुजफ्फराबाद और पूँछ से पीओके के रावलकोट भेज जाता है. ये व्यापार कश्मीर के दोनों हिस्सों के नागरिकों को राहत देने और विश्वाश बढ़ाने के लिए शुरू हुआ लेकिन इसका इस्तेमाल हो रहा है पत्थरबाजों की फंडिंग के लिए.

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक कश्मीर घाटी से होने वाले सीमा पार व्यापार में ओवर इंवॉयसिंग और अंडर इंवॉयसिंग के खेल के जरिये पैसा इधर से उधर किये जाने का खुलासा हुआ है. जांच में खुलासा हुआ है कि इस रास्ते से अलगावादियों को अब तक 75 करोड़ की फंडिंग हुई है जिसमें सिर्फ इस साल 10 करोड़ रुपये अलगाववादियों तक पहुँचे है, जिसका इस्तेमाल पत्थरबाजों के पेमेंट के लिए होगा.

इस पूरे प्रोसेस को हम दिए गए उदारहण से समझ सकते हैं. मान ले कि भारत की तरफ से PoK की तरफ किसी ट्रक में 5 लाख का सामान श्रीनगर से मुजफ्फराबाद की तरफ गया, लेकिन असलियत में सिर्फ 2 लाख का सामान ही सीमा पार गया अब पाकिस्तान कि तरफ से लौटते हुए उसी ट्रक में 7 लाख का सामान अंडर इंवॉयसिंग कर वापस सिर्फ 5 लाख का सामान बताया जाता है. इसके लिए बाक़ायदा पीओके में आईएसआई के फण्ड मैनेजर तैनात है.

प्लान के मुताबिक 3 लाख ओवर इंवॉयसिंग कर पीओके भेजने से और 2 लाख रुपये वहां से अंडर इंवॉयसिंग कर लाये गए समान से कमाए गए कुल 5 लाख रुपये जो अलगाववादियों और ट्रेडिंग कंपनी के बीच बंटता है जिसमें अलगावादियों को बड़ा हिस्सा तीन लाख रुपया मिलता  है. पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर से भारत के शहर श्रीनगर तक पहुंच चुका ये रक़म आगे पत्थरबाजों के बीच बाँट दिया जाता है.

हालांकि इस घपले का खुलासा पिछले साल हुआ था और जांच के घेरे में तीन दर्ज़न से ज्यादा ट्रेडिंग कंपनी आये हैं. NIA ने इन ट्रेडिंग कंपनियों की बैंक अकाउंट के बारे में जानकारी और दूसरे दस्तावेज कलेक्ट किया है, जिसकी NIA स्क्रूटनी कर रही है.

NIA ने J&KBank सहित दूसरे बैंक से जिनके अकाउंट में घाटी में हिंसा फ़ैलाने के लिए आये पैसे हैं उनके बैंक स्टेटमेंट लिए है.

बता दें कि घाटी के विभिन्न बैंक खातों में आये पैसे की जांच खुफिया एजेंसी NIA कर रही है. सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान सबूत मिले हैं कि हिंसा भड़काने के लिए पत्थरबाजों के पास पैसे भेजे गए हैं. जिनके अकाउंट में पैसे आये हैं NIA ने उन लोगों से भी पूछताछ किया है.

कुछ व्यापारियों सहित कई बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं. जेके (J&KBank) बैंक के कई खाते संदेह के घेरे में हैं. फंडिंग के इस नायब तरीके के बारे में खुलासा होने के बावजूद गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है ये बार्टर सिस्टम से चलने वाले व्यापार को फिलहाल बन्द करने का कोई इरादा नहीं है. बल्कि इसका गलत इस्तेमाल करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. इसके लिए तमाम एजेंसियों ने कमर कस ली है.