चेन्नई‌‌: तमिलनाडु में कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़ रहे हैं. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने राज्य में कम्युनिटी स्प्रेड से इनकार कर किया है. बता दें कि तमिलनाडु में कोरोना वायरस के केस 35000 का आंकड़ा छू चुके हैं. वहीं आंकड़ें हर दिन बढ़ते हा रहे हैं.


एक ओर कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी ओर ऐसा लगता है कि सरकार नाम बदलने में व्यस्त है. आज तमिलनाडु की ईपीएस सरकार ने करीब 1018 जगहों के नाम बदल दिए हैं. जिसको लेकर सरकार पर सोशल मीडिया में खूब तंज कसा जा रहा है.


दूसरी ओर डीएमके सरकार पर रिकॉर्ड में मौतों का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगा रही है. दरअसल चेन्नई में 8 जून तक करीब  460 लोग कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं. जबकि सरकारी आंकड़ों में महज 224 बताए गए. 236  लोगों की मौत का आंकड़ा सरकारी रिकॉर्ड में छिपाया गया. विवाद बढ़ने पर सरकार ने दोबारा आंकलन करने का आदेश दिया है.


तमिलनाडु का सचिवालय कोरोना का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. सचिवालय में कुल 6400 का स्टाफ है और फिलहाल 50 फीसदी स्टाफ ही एक वक़्त पर काम के लिए पहुंचते हैं जो सरकारी बस में ही ट्रैवल करते हैं. अब तक 40 स्टाफ कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गए हैं और उनके संपर्क में आए लोगों का भी टेस्ट किया जा रहा है. इससे आंकड़ा बढ़ कर 100 के पार भी हो सकता है. हैरानी की बात यह कि अब तक 3 आईएएस ऑफिसर्स भी इससे संक्रमित हो चुके हैं. केस को बढ़ते देख सचिवालय के स्टाफ एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि स्टाफ 33 फीसदी कर दिए जाएं. फिलहाल तमिलनाडु में कोरोना वायरस के केस बढ़ते जा रहे हैं जिसका कारण बड़ी संख्या में टेस्टिंग को बताया जा रहा है. हालांकि विपक्ष डीएमके इसे सरकार की नाकामी करार दे रही हैं.


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