नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चीनी अतिक्रमण का दावा दोहराते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के कुप्रबंधन और गलत नीतियों के कारण देश की सुरक्षा और भूभागीय अखंडता खतरे में आ गई है. सोनिया गांधी ने कहा है कि अप्रैल से अब तक चीन ने लद्दाख में गलवान घाटी और पैंगोंग झील के भारतीय इलाके में घुसपैठ की है लेकिन सरकार सच्चाई से मुंह मोड़ रही है. लद्दाख में चीनी घुसपैठ नकारने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि इस बयान ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि लोगों को लगता है कि केंद्र सरकार स्थिति संभालने में गंभीर रूप से नाकाम हुई है.


चीन के साथ नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनाव को संकट की स्थिति बताते हुए सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा "चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अब हमारे सामने बड़े संकट की स्थिति है. इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस साल अप्रैल-मई से लेकर अब तक चीनी सेना ने लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र और गलवान घाटी में हमारी सीमा में घुसपैठ की है. अपने चरित्र के अनुरूप सरकार सच्चाई से मुंह मोड़ रही है."


सोनिया गांधी ने आगे कहा, "घुसपैठ की खबरें और जानकारी 5 मई को आई. समाधान के बजाय, स्थिति तेजी से बिगड़ती गई और 15-16 जून को हिंसक झड़पें हुईं. बीस भारतीय सैनिक शहीद हुए, 85 घायल हुए और 10 'लापता' हो गए जब तक कि उन्हें वापस नहीं किया गया. प्रधानमंत्री के बयान ने पूरे देश को झकझोर दिया जब उन्होंने कहा कि "किसी ने भी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ नहीं की."


सुरक्षा और भूभागीय अखंडता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं- सोनिया


गांधी ने चीनी सीमा पर तनाव के साथ ही पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दाम और कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इन सभी संकटों की वजह सरकार का कुप्रबंधन और गलत नीतियां हैं. सोनिया ने कहा "दुखद घटनाएं कभी अकेले नहीं आती. भारत एक भयावह आर्थिक संकट, एक भयंकर महामारी और अब चीन के साथ सीमाओं पर एक बड़े संकट का सामना कर रहा है. इनके सामूहिक प्रभाव से जहां व्यापक पीड़ा और भय का माहौल है वहां देश की सुरक्षा और भूभागीय अखंडता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं."


चीन के साथ तनाव के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हुए सोनिया गांधी ने कहा, "लोगों में यह भावना है कि सरकार स्थिति को संभालने में गंभीर रूप से असफल हुई है. हम उम्मीद करते हैं कि हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सरकार के द्वारा उठाया जाने वाला हर कदम परिपक्व कूटनीति व मजबूत नेतृत्व की भावना से निर्देशित होंगे. कांग्रेस अध्यक्ष ने मांग की कि सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहले जैसी स्थिति बहाल करवाए. सोनिया गांधी ने कहा, "हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अमन, शांति और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहले जैसी यथास्थिति की बहाली हमारे राष्ट्रीय हित में एकमात्र मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए."


गलवान घाटी के वीर शहीदों को दी श्रद्धांजलि


सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सबसे पहले आगे बढ़कर हमारी सेनाओं और सरकार को अपना पूरा समर्थन देने के घोषणा की. राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता के मामलों पर पूरा राष्ट्र हमेशा की तरह एक साथ खड़ा है. आपको बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू होने से पहले सभी सदस्यों ने गलवान घाटी के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.


सीडब्ल्यूसी की बैठक में पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दाम को निर्दयता करार देते हुए सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं फिर भी सरकार निर्दयतापूर्वक लगातार 17 दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है. बढ़ी कीमतें वापस लेने को लेकर सोनिया गांधी ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी.


वहीं कोरोना महामारी को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासनों के विपरीत महामारी लगातार बढ़ रही है. केंद्र सरकार ने जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया है और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज को खोखला बताते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि ना तो राज्यों को वित्तीय सहायता दी गई है ना ही गरीबों को. सोनिया ने कहा कि कोरोना महामारी का कुप्रबंधन मोदी सरकार की विनाशकारी विफलताओं में से एक के रूप में दर्ज किया जाएगा.