जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को बाधित करने के लिए हो रहा सुरक्षा का इस्तेमाल: फारूक अब्दुल्ला
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से लोकसभा सांसद अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि कुछ चुनिंदा लोगों को सुरक्षा प्रदान करना और बाकी को नजरबंद करना लोकतंत्र में व्यापक हस्तक्षेप के समान है.
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और गुपकार गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गठबंधन के उम्मीदवारों के साथ किए जा रहे व्यवहार को लेकर आपत्ति जताई है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को बाधित करने के लिए बहाने के तौर पर सुरक्षा का इस्तेमाल किया जा रहा है.
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर से लोकसभा सांसद अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने कहा, 'कुछ चुनिंदा लोगों को सुरक्षा प्रदान करना और बाकी को नजरबंद करना लोकतंत्र में व्यापक हस्तक्षेप के समान है. मैं आने वाले डीडीसी चुनावों के बारे में आपको बता रहा हूं. जहां गुपकार गठबंधन के जरिए उतारे गए उम्मीदवारों को सुरक्षा के नाम पर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया रहा है.'
अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा, 'उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार करने की अनुमति नहीं है. जिन लोगों से वोट देने की अपील करनी है, हमारे उम्मीदवार उनसे पूरी तरह से दूर हैं. गुपकार गठबंधन में शामिल पार्टियां पहले सत्ता में रह चुकी हैं और उन्हें सरकार चलाने का मौका भी मिला है. वे हिंसा से घिरे जगहों पर सुरक्षा को लेकर मौजूद चुनौतियों से वाकिफ हैं.'
पहले से हैं चुनौतियां
चिट्ठी में कहा गया, 'ये चुनौतियां नई नहीं हैं, बल्कि पिछले तीन दशकों से दुखद रूप से बनी हुई हैं. लेकिन सरकार के पास ऐसी व्यवस्था थी, जो सभी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती थीं, चाहे वे किसी भी विचारधारा के हों या वे किसी भी दल का प्रतिनिधित्व करते हों.' अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र का विकास देश के किसी अन्य हिस्से की तुलना में खास है और यह रक्तरंजित यात्रा रही है. यह हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खून से सनी है, जिन्होंने लोकतंत्र के खातिर अपनी जान दे दी.