भुवनेश्वर: ओडिशा पुलिस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी के साथ हुई कथित बदसलूकी पर कहा है कि पुरी के जगन्नाथ मंदिर की 18 मार्च की यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने सुरक्षा घेरा तोड़ा था.

पुलिस अधीक्षक सार्थक सारंगी ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने पुजारियों को इस निर्देश की जानकारी दे दी थी लेकिन कुछ लोगों ने सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के करीब जाने की कोशिश की. उन्होंने कहा , ‘‘हमने इस सिलसिले में मंदिर प्रशासन को एक रिपोर्ट सौंपी है.’’

मंदिर के पुजारियों के कथित बदसलूकी के बारे में राष्ट्रपति भवन से कोई पत्र मिलने की बात से राज्य सरकार के इनकार करने के एक दिन बाद पुरी पुलिस अधीक्षक सार्थक सारंगी का यह बयान आया है.

गौरतलब है कि मीडिया के एक धड़े में यह खबर आई थी कि राष्ट्रपति भवन ने मंदिर प्रशासन को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि मंदिर के गर्भगृह के बाहर पुजारियों ने गलत व्यवहार किया. वहीं , सारंगी ने कहा कि राष्ट्रपति की यात्रा से पहले पुरी के जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने को कहा गया था कि कोई भी पुजारी कोविंद दंपती के नजदीक नहीं जा पाएं, या किसी पुस्तिका पर उनसे हस्ताक्षर करने का अनुरोध नहीं किया जाए.

मंदिर प्रबंध समिति की 20 मार्च की बैठक के विवरण में इस बात का जिक्र किया गया है कि राष्ट्रपति भवन ने पुजारियों के व्यवहार पर नाराजगी जताई है. वहीं , पुजारियों के संगठन (सुर महासुर निजोग) के प्रमुख दामोदर महासुर ने सिंहद्वार पुलिस थाना में पुरी कलेक्टर अरविंद अग्रवाल और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के पूर्व प्रमुख प्रदीप जेना के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करा कर आरोप लगाया कि उन्होंने मंदिर के पुजारियों का अपमान किया.

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