3 दिन में 3 IED डिफ्यूज, जम्मू कश्मीर में टला बड़ा आतंकी हमला, सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी
कश्मीर घाटी में आतंकवाद से संबंधित हिंसा और स्थानीय भर्ती में काफी कमी आई है. आतंकवादियों ने अपना ध्यान जम्मू की ओर केंद्रित कर लिया है, जो 5 अगस्त 2019 से पहले आतंकवाद-मुक्त क्षेत्र था.

पिछले 72 घंटों में उत्तर और दक्षिण कश्मीर में कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने पूरी कश्मीर घाटी में घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज कर दिया है. हालांकि आईईडी का पता लगाकर उसे सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया गया, जिससे कोई बड़ी त्रासदी टल गई.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कश्मीर घाटी में सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों ने आतंकवादियों की सुरक्षा बलों का सामना करने की क्षमता को लगभग पूरी तरह खत्म कर दिया है. अब नए भर्ती होने वालों की कमी और घुसपैठ लगभग शून्य होने के कारण ऐसे हमले हताशा का एक कार्य हैं.
'तीन दिनों में कश्मीर में तीन आईईडी बरामद'
मंगलवार दोपहर को सुरक्षा बलों के गश्ती दल ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के हबदीपोरा इलाके में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का पता लगाया. आईईडी का पता लगने के तुरंत बाद सड़क पर यातायात रोक दिया गया और विस्फोटक को सुरक्षित रूप से निष्क्रिय करने के लिए बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) को बुलाया गया. मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार नियंत्रित विस्फोट के माध्यम से आईईडी को मौके पर ही सुरक्षित रूप से निष्क्रिय कर दिया गया. खतरे की कहानी यहीं खत्म नहीं होती क्योंकि पिछले तीन दिनों में कश्मीर में बरामद यह तीसरा आईईडी था. रविवार को कुपवाड़ा में एक आईईडी को निष्क्रिय किया गया था जबकि सोमवार को कुलगाम में एक और आईईडी का पता चला और उसे निष्क्रिय कर दिया गया.
रविवार को सुरक्षा बलों ने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास कुपवाड़ा के वन क्षेत्र में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) पाया और उसे नष्ट कर दिया. सोमवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के रेशीपोरा कैमोह इलाके में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) मिला और उसे सुरक्षित रूप से निष्क्रिय कर दिया गया.
76 आतंकवादी जम्मू और कश्मीर में एक्टिव
खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के 59 विदेशी आतंकवादियों सहित केवल 76 आतंकवादी वर्तमान में जम्मू और कश्मीर में सक्रिय हैं. डेटा जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में भारी गिरावट दर्शाता है, जहां 2024 में इसी अवधि में कुल 91 आतंकवादी सक्रिय थे.
सूत्रों ने कहा कि 59 सक्रिय विदेशी आतंकवादियों में से तीन हिजबुल मुजाहिदीन के हैं. 21 जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के हैं और 35 लश्कर-ए-तैयबा के हैं, जबकि 17 में से तीन स्थानीय आतंकवादी जम्मू में और 14 घाटी में सक्रिय हैं. जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में लगातार गिरावट क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने का परिणाम है, जिसमें सक्रिय आतंकवादियों को ट्रैक करने और उन्हें बेअसर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
कश्मीर घाटी में आतंकवाद से संबंधित हिंसा और स्थानीय भर्ती में काफी कमी आई है. आतंकवादियों ने अपना ध्यान जम्मू की ओर केंद्रित कर लिया है, जो 5 अगस्त 2019 से पहले आतंकवाद-मुक्त क्षेत्र था, जब अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था.
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