रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घने जंगल में आज सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में कम से कम 15 नक्सलियों को मार गिराया. राज्य के विशेष पुलिस महानिदेशक (नक्सल रोधी अभियान) डी एम अवस्थी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह अभियान नक्सल विरोधी बड़े अभियानों में से एक था, यहां एक मुठभेड़ में 15 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं. इस मुठभेड़ में एक महिला समेत दो घायल नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया गया.
अवस्थी ने बताया कि दक्षिणी सुकमा के दो नक्सली शिविरों के बारे में मिली खुफिया इनपुट के आधार पर सुरक्षा बलों के दो दल कल शाम विभिन्न मार्गों से जंगल में भेजे गए थे. सुरक्षा बलों के दलों में जिला रिजर्व गार्ड, विशेष कार्य बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और उसकी विशेष इकाई कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूशन एक्शन (सीओबीआरए) शामिल थे. गश्ती दलों की टीमों में से एक ने नाल्काटोंग गांव के जंगल में सुबह एक माओवादी शिविर देखा. इसके बाद उन्होंने इसकी घेराबंदी की. गश्ती दल में एसटीएफ के करीब 200 कर्मी शामिल थे. उन्होंने बताया कि नक्सलियों और गश्ती दलों के बीच आंधे घंटे तक गोलीबारी हुई.
पुलिस महानिदेशक ने आगे बताया कि गोलीबारी रूकने के बाद 15 माओवादियों के शव और 16 हथियार सहित 315 बोर और 12 बोर की गन मुठभेड़ स्थल से बरामद की गयीं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा क्षेत्रीय समिति का एक सदस्य और एक घायल महिला नक्सली को मुठभेड़ स्थल से गिरफ्तार किया गया. महानिदेशक ने बताया कि मारे गए नक्सली दक्षिणी सुकमा के कोंटा, गोलापल्ली और भेजी के अलग-अलग सक्रिय संगठनों के सदस्य थे.
मारे गए नक्सलियों में अतिवादी संगठन का कमांडर विंजाम हुंगा भी शामिल है. वहीं मारे गए अन्य 14 नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. घायल नक्सिलयों को अस्पताल ले जाया गया है. उन्होंने बताया कि अन्य गश्ती दल जिन्होंने भेजी क्षेत्र में अभियान चलाया हुआ है, वह अब भी जंगल के भीतर हैं और उनका अभियान जारी है.
अवस्थी ने बताया कि निकटतम जंगल क्षेत्रों की गहन तलाश भी जारी है. उन्होंने बताया कि इस साल अब तक 86 माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं. राज्य के बीजापुर जिले में 19 जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में आठ नक्सली मारे गए थे.