(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'लाठी-डंडों से पिटाई, जख्मों पर रगड़ी लाल मिर्च', पुंछ नागरिकों ने सुरक्षाबलों पर लगाए टॉर्चर करने के आरोप
हिरासत में लिए गए पुंछ नागरिकों का कहना है कि उनका पूछताछ के दौरान जो टॉर्चर हुआ है उससे उनमें इतना डर बैठ गया कि उनकी आंखों की नींद उड़ गई है.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 4 जवानों के शहीद होने के बाद हिरासत में लिए गए स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर उन्हें टॉर्चर करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि हिरासत में उन्हें लाठी और आयरन रोड से पीटा गया. इतना ही नहीं जख्मों पर लाल मिर्च का पाउडर रगड़ने का भी इन लोगों ने सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाया है.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए तीन नागरिकों की मौत हो गई, जबकि पांच का राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. अस्पताल में भर्ती मोहम्मद अशरफ ने बताया कि शनिवार को इन लोगों को अस्पताल में एडमिट किया गया था. उनका आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें मारा-पीटा और उनके जख्मों पर लाल मिर्च का पाउडर रगड़ा गया. जब तक वह बेहोश नहीं हो जाते थे तब तक उन्हें इसी तरह टॉर्चर किया जा रहा था.
अशरफ ने बताया, कैसे किया गया टॉर्चर
अशरफ का कहना है, 'वायरल वीडियो में नजर आ रहा शख्स मैं ही हूं, जिसको सेना के जवान लोहे की रोड और लाठियों से पीट रहे हैं.' अशरफ का कहना है कि उसकी हालत इतनी खराब है कि वह अपने जख्मों और ट्रॉमा की वजह से शनिवार से सो भी नहीं पा रहा है. अशरफ ने कहा, 'जिसका पूरा शरीर दर्द से कराह रहा हो वह कैसे सो सकता है. जब आंख बंद करो तो वो टॉर्चर याद आ जाता हो, जो परेशान कर देता है.'
राजौरी जिले के थानामंडी इलाके के रहने वाल अशरफ जम्मू कश्मीर के पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में साल 2007 से लाइनमैन के तौर पर काम कर रहे हैं और उनकी सैलरी सिर्फ 9,330 रुपये महीना है. उनके तीन बच्चे हैं.
22 दिसंबर को मृत पाए गए 3 नागरिक
21 दिसंबर को पुंछ के सुरनकोट इलाके में ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर हमला कर दिया था. इस हमले में 4 सैनिकों की जान चली गई थी. इसके बाद सेना ने कुछ स्थानीय लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, जिनमें से तीन 22 दिसंबर को मृत पाए गए. इस दौरान, सोशल मीडिया पर नागरिकों को टॉर्चर करने का एक वीडियो भी सामने आया था. सेना ने इसकी उच्च स्तरीय जांच भी करानी शुरू कर दी थी.