अयोध्या विवाद: फैसले से पहले यूपी में सुरक्षा बेहद कड़ी, केंद्र ने राज्य में भेजे 4 हजार जवान
अयोध्या भूमि विवाद पर अगले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और ऐसे में साफ है कि मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की संविधान पीठ उससे पहले ही अपना फैसला सुना देगी.
लखनऊ: अयोध्या भूमि विवाद पर अगले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं और ऐसे में साफ है कि मामले की सुनवाई कर रही पांच जजों की संविधान पीठ उससे पहले ही अपना फैसला सुना देगी.
केंद्र सरकार ने आने वाले इस फैसले को ध्यान में रखते हुए करीब 4 हजार जवानों को यूपी भेजा है. केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के ये जवान 18 नवंबर तक राज्य में रहेंगे. सोमवार को ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में फैसला लिया है.
आपको बता दें कि पूरे राज्य में धारा 144 लागू है. धार्मिक संगठन और नेता लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. बीजेपी ने भी अपने कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की है.
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अयोध्या के जिलाधिकारी ने भी 30 बिंदुओं वाला एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कई तरह की रोक लगाई गई है, जिसमें सार्वजनिक या निजी स्थान पर कार्यक्रम आयोजित कर कुछ ऐसा करना जिससे भावनाएं भड़के, शस्त्र उपयोग पर प्रतिबंध, तेज़ाब या कोई और विस्फोटक की श्रेणी के आने वाली वस्तु और कंकड़ पत्थर को इकट्ठा करने पर प्रतिबंध, किसी को भी बिना अनुमति किसी तरह का विजयोत्सव निकालने पर प्रतिबंध, लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध, सोशल मीडिया पर कुछ भी अपमानजनक लिखने पर कड़ाई की जाएगी और मंदिर/मस्ज़िद के नाम पर कुछ भी भड़काऊ कार्यक्रम करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
यूपी की पुलिस और प्रशासन इस फैसले के मद्देनजर पूरी तैयारी कर रहा है. यूपी पुलिस का निगरानी तंत्र भी सक्रिय कर दिया गया है. हर कोई अपने हिस्से का काम कर रहा है और हर जिले में सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है.