'देश की सीमाओं की सुरक्षा पिलर या फेंसिंग नहीं बल्कि...', BSF के प्रहरी एप के लोकार्पण पर बोले अमित शाह
Amit shah: मंत्री ने BSF से आग्रह किया कि उन्हे वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से गांव के अंदर टूरिज्म बढ़ाने, गांव को आत्मनिर्भर और संपूर्ण सुविधाओं से युक्त बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए.
BSF News: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के प्रहरी मोबाइल ऐप और 13 मैनुअल के संशोधित संस्करण का लोकार्पण किया. इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि इससे बीएसएफ के सभी स्तर के जवानों और अधिकारियों को काम करने में सहूलियत होगी.
गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ की प्रहरी ऐप के माध्यम से अब जवान व्यक्तिगत एवं सेवा संबंधी जानकारी, आवास, आयुष्यमान-सीएपीएफ व अवकाश से संबंधित जानकारी अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकते हैं. यह ऐप जवानों को गृह मंत्रालय के पोर्टल से भी जोड़ेगा. शाह ने कहा कि इसके साथ ही 13 मैनुअल में प्रतीक्षित रिविजन तथा अपडेट से ऑपरेशन, एडमिनिस्ट्रेशन एवं ट्रेनिंग की कार्यों की बेहतर समझ बढ़ेगी और कार्यों में तेजी आएगी.
सबसे कठिन सीमा की निगरानी करती है BSF
उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल देश की सबसे कठिन सीमा की निगरानी करती है. अटल बिहारी वाजपेयी ने वन बॉर्डर वन फोर्स का जो नियम बनाया, उसके बाद पाकिस्तान और बांग्लादेश से सटी हमारी सीमाओं की जिम्मेदारी बीएसएफ के जिम्मे आई है और बीएसएफ के वीर जवान बड़ी ही सजगता से इन सीमाओं की सुरक्षा करते हैं. उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा पिलर या फेंसिंग नहीं बल्कि उस सीमा पर खड़े जवान की वीरता, देशभक्ति व सजगता ही कर सकती है.
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स से अमित शाह ने किया आग्रह
अपने सम्बोधन में केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स से आग्रह किया कि उन्हे वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से गांव के अंदर टूरिज्म बढ़ाने, गांव को आत्मनिर्भर और संपूर्ण सुविधाओं से युक्त बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए. शाह ने कहा कि बॉर्डर की सिक्योरिटी तभी हो सकती है, जब बॉर्डर के गांव के अंदर आबादी होगी, सीमाओं पर जवानों की तैनाती के साथ-साथ स्थाई सिक्योरिटी गांव में बसे हुए देशभक्त नागरिक ही दे सकते हैं.
गृह मंत्री ने बीएसएफ के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकारों के बॉर्डर जिलों के अंदर जनकल्याण के जितने भी कार्यक्रम हैं, उनका जिला कलेक्टर के साथ मिलकर शत-प्रतिशत इंप्लीमेंटेशन बहुत जरूरी है.