जम्मू कश्मीर: पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा वापस होगी, पुलिस हेडक्वार्टर के आदेश पर राज्यपाल की मुहर
सुरक्षा महकमे के सूत्रों का कहना है कि जिलों के एसएसपी विधायकों के खतरे का आकलन कर स्थानीय लेवल पर जिला पुलिस की सुरक्षा जारी रख सकते हैं. पुलिस महकमा अब सभी विधायकों को आतंकी गुटों से खतरे का दोबारा से आकलन करने के लिए खुफिया महकमे की मदद ले रही है.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के एक महीने के पूरा होने के बाद महबूबा मुफ्ती सरकार के मंत्रियों की सुरक्षा वापस होगी. राज्यपाल दफ्तर से मंजूरी के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस के वीआईपी सुरक्षा महकमे को निर्देश दिया गया है कि दो दिनों के अंदर ना सिर्फ पूर्व मंत्रियों की सुरक्षा वापस होगी बल्कि मंत्रियों की सुरक्षा में लगे गाड़ियों के काफिले भी हटाने के निर्देश दिए गए हैं.
हालांकि विधानसभा के निलंबित होने की वज़ह से इन पूर्व मंत्रियों को विधायकों को मिलने वाली सुरक्षा जारी रहेगी. राज्य पुलिस की तरफ से जारी आदेश में विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह की सुरक्षा में किसी भी तरह की कटौती से साफ मना किया गया है. यानि विधानसभा अध्यक्ष निर्मल सिंह की सुरक्षा जारी रहेगी. इसके साथ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक़ अब्दुल्ला को केंद्र से एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो के सुरक्षा मिलती है. सूत्रों के मुताबिक इसमें कोई कटौती नहीं होगी.
पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसएसपी को आदेश पर अमल कर दो दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा है. हालांकि सुरक्षा महकमे के सूत्रों का कहना है कि जिलों के एसएसपी विधायकों के खतरे का आकलन कर स्थानीय लेवल पर जिला पुलिस की सुरक्षा जारी रख सकते हैं. राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि पुलिस मुख्यालय को ये आदेश इसलिए देना पड़ा क्योंकि कुर्सी जाने के बाद भी मंत्रियों ने न तो सरकारी सुरक्षा वापस की बल्कि गाड़ियों के काफिले के साथ चलते थे.
हालांकि पुलिस महकमा अब सभी विधायकों को आतंकी गुटों से खतरे का दोबारा से आकलन करने के लिए खुफिया महकमे की मदद ले रही है. वहीं पीडीपी से विद्रोह कर रहे विधायकों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जा रहा है. दरअसल पीडीपी से विद्रोह करने वाले विधायकों की राजनैतिक सक्रियता काफी ज़्यादा है ऐसे में खतरा भी बढ़ गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का उनकी पार्टी तोड़ने पर नए सलाउद्दीन पैदा होंगे कहकर भले ही दवाब बनने की कोशिश की है. लेकिन विद्रोही विधायकों ने बयान जारी कर आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री के बयान से उनकी सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है.