कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए कांग्रेस ने बीजेपी से पूछा सवाल- अगर कानून सही था तो सरकार बदलाव के लिए क्यों तैयार
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने तीनों कृषि कानूनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार कानून लागू होने के 1 महीने के भीतर भी संशोधन को तैयार है, तो इसका मतलब साफ है कि कानून में खामी है. लिहाज़ा इनको रद्द किया जाना चाहिए.
नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के आंदोलन को 39 दिन हो चुके हैं और यह आंदोलन अभी भी जारी है. इस सबके बीच किसान और सरकार के बीच 4 जनवरी को आंठवे दौर की बातचीत होनी है, लेकिन एक बार फिर कांग्रेस ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि तीनों कानून रद्द करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. क्योंकि यह कृषि कानून किसानों के खिलाफ हैं और किसानों को यह बात बखूबी पता है.
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने तीनों कृषि कानूनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार कानून लागू होने के 1 महीने के भीतर भी संशोधन को तैयार है, तो इसका मतलब साफ है कि कानून में खामी है. लिहाज़ा इनको रद्द किया जाना चाहिए. गौरव वल्लभ ने कहा कि इन तीनो कृषि कानूनों की जगह पर नया कानून बनाया जाए. नया कानून किसानों और अलग-अलग राजनैतिक दलों से सलाह मशविरा करने के बाद ही बनाया जाये.
कांग्रेस प्रवक्ता ने केंद्र के कृषि कानून में खामियां बताते हुए, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का उदाहरण दिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि छतीसगढ़ में अभी तक एफसीआई धान नहीं खरीद रही है और स्टोरेज की कमी बता रही है जबकि राज्य सरकार 47 लाख टन धान खरीद चुकी है. वहीं एमपी में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बाद भी निजी कंपनियां फसल नहीं खरीद रही हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर ये कानून इतने ही अच्छे और फायदेमंद हैं तो फिर
एफसीआई ने छत्तीसगढ़ में क्यों स्टोरेज से मना किया. क्या किसानों को आवाज उठाने की सज़ा दी जा रही है.
क्या अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
इन बातों का ज़िक्र करते हुए तीनों कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए रद्द करने की मांग की.
इस सब के बीच कांग्रेस के कई नेताओं के द्वारा कोरोना वैक्सीन को लेकर उठे सवालों पर कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस आधिकारिक तौर पर यही चाहती है कि देश के सभी लोगों को वैक्सीन लगे. जो भी वैक्सीन लगाई जाए उसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद किया जाए.
यह भी पढ़ें-