72 साल की उम्र में टाइपिंग करके पैसे कमाती हैं ये महिला, सहवाग ने बताया- ‘सुपरवुमन’
मध्यप्रदेश के सीहोर में 72 साल की एक बुजुर्ग महिला लक्ष्मी वर्मा ड्रिस्ट्रिक्टर कलेक्टर ऑफिस में बतौर टाइपिस्ट काम करती हैं और अपने कमाए पैसे से जीवन यापन करती हैं.
सीहोर: कहते हैं कि अगर कुछ करने की इच्छा हो तो उसमें उम्र कभी भी बाधा नहीं बनती है. ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के सीहोर से सामने आया है जहां 72 साल की एक बुजुर्ग महिला लक्ष्मी वर्मा सिहोर ड्रिस्ट्रिक्टर कलेक्टर ऑफिस में बतौर टाइपिस्ट काम करती हैं और अपने कमाए पैसे से जीवन यापन करती हैं.
A superwoman for me. She lives in Sehore in MP and the youth have so much to learn from her. Not just speed, but the spirit and a lesson that no work is small and no age is big enough to learn and work. Pranam ! pic.twitter.com/n63IcpBRSH
— Virender Sehwag (@virendersehwag) June 12, 2018
वर्मा पिछले कई सालों से यही काम कर रही हैं लेकिन मंगलवार को जब पूर्व क्रिकेटर विरेन्दर सहवाग ने उनका एक वीडियो पोस्ट किया तो उसके बाद वो सुर्खियों में आ गईं. सहवाग ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "मेरे लिए ये एक सुपरवूमन हैं. ये एमपी के सिहोर में रहती हैं. देश के युवा इनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं. न सिर्फ इनकी टाइपिंग स्पीड बल्कि ये हमें संदेश देती हैं कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है और काम करने के लिए उम्र बाधा नहीं बनती है. प्रणाम!"
सहवाग के वीडियो शेयर करते ही ये तेजी से वायरल हो गया. अभी तक सहवाग के इस वीडियो को 3,068 लोग रीट्वीट कर चुके हैं और 18,939 लोगों ने वीडियो को लाइक किया है. कई नामी सेलिब्रिटीज ने भी इस वीडियो को शेयर किया है. सहवाग ने इंस्टाग्राम पर भी इस वीडियो को शेयर किया है.
लक्ष्मी वर्मा 2008 से सीहोर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर ऑफिस में टाइपिस्ट का काम कर रही हैं. इनकी टाइपिंग स्पीड बेहद तेज है. अपने पति से विवाद होने के बाद से लक्ष्मी वर्मा ने इंदौर के एक प्रिंटिंग फर्म में काम करना शुरू किया था. उन्होंने इसी फर्म से टाइपिंग सीखी. कुछ दिन बाद वो वापस सीहोर लौट आईं. एक दिन सिहोर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह और एसडीएम भावना वालिम्बे ने इनकी टाइपिंग स्पीड देखी तो वे काफी ज्यादा प्रभावित हुए. इन्होंने लक्ष्मी शर्मा को कलेक्टर ऑफिस में काम करने की जगह दी और इनके काम को काफी बढ़ावा दिया.
लक्ष्मी शर्मा ने कहा, "मैं यहां पिछले 12 सालों से काम कर रही हूं. मैंने इंदौर के एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करने के दौरान टाइपिंग सीखी थी. डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह ने मुझे यहां पर काम करने में मदद किया." तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह अब इंदौर में डिविजनल कमिश्नर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने कहा, "ऐसे लोगों की मदद करके बेहद अच्छा लगता है जो निराश होने के बजाय खुद की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं. मुझे आज भी वो याद हैं. वो मुझे सीहोर के पुराने कलेक्टर ऑफिस के पास मिली थीं. वो हम सभी के लिए आदर्श हैं."