नई दिल्ली: अगले हफ्ते (3-5 फरवरी) बेंगलुरू में शुरू हो रहे एशिया के सबसे बड़े एयरो-शो, 'एयरो इंडिया' में खास 'आत्मनिर्भर फॉर्मेशन फ्लाईट' देखने को मिलेगी. दो साल में एक बार होने वाले इस एयरो-शो में भारत अपने स्वदेशी हथियार, फाइटर जेट्स और मिसाइलों की प्रर्दशनी दुनिया के लिए लगाने वाला है ही, साथ ही दुनियाभर की बड़ी एयरो-स्पेस कंपनियां भी भारत के साथ मिलकर भारत में ही अपने हथियारों का उत्पादन करने के लिए पहुंच रही हैं.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 13वें एयरो इंडिया शो के लिए अब तक देश-विदेश की कुल 600 कंपनियां तीन दिनों तक बेंगलुरू में होने वाली प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कर चुकी हैं. इनमें 14 देशों की 78 विदेशी कंपनियां शामिल हैं. कोविड-प्रोटोकॉल के चलते इस बार एयरो-शो में आम लोगों को आने की इजाजत नहीं होगी यानि तीनों दिन (3-5 फरवरी) बिजनेस-डे रहेंगे. लोगों को वर्चुअल माध्यम से शो दिखाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने खास इंतजाम किए हैं. यहां तक कि इस साल 203 कंपनियां वर्चुअली अपने हथियारों और दूसरे सैन्य-साजो सामान को प्रदर्शित करेंगी. इसीलिए इसे 'हाईब्रीड-मोड' प्रदर्शनी का नाम दिया गया है.


हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएल) की तरफ से इस बार स्वदेशी एयरक्राफ्ट्स और हेलीकॉप्टर्स साफ तौर से बेंगुलरू के आसमान में छाए रहेंगे. एचएएल के मुताबिक, 'आत्मनिर्भर फ्लाइट फॉर्मेशन' के तहत एलसीए-ट्रेनर (लिफ्ट-ट्रेनर), एचटीटी-40, आईजेटी. एडवांस हॉक एमके-132 और सिविल डोरनियर (डो-228) के ट्रेनर एयरक्राफ्ट्स एक खास फॉरमेशन में उड़ान भरेंगे. इसके अलावा स्वदेशी लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए)-तेजस, लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (एलसीएच), एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर-ध्रुव, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच), एचटीटी-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट इस साल एयरो-शो के दौरान उड़ान भरेंगे. इसके अलावा, रूस की मदद से भारत में ही तैयार किए जा रहे सुखोई लड़ाकू विमान, भी आसमान में गरजते दिखाई पड़ेंगे.


एचएएल के मुताबिक, स्टेटिक-डिस्पले में डोरनियर, एचटीटी (हिंदुस्तान ट्रर्बो ट्रेनर)-40, एलसीएच, रूद्र अटैक हेलीकॉप्टर, एलयूएच और एएलएच-मार्क3 दिखाई देंगे. कॉम्बेट एयर टीमिंग सिस्टम (कैट्स) सिम्युलेटर भी एचएएल की तरफ से इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण है. इस सिम्युलेटर से स्वार्म-ड्रोन तकनीक भी दिखाई जाएगी.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की तरफ से स्वेदशी मिसाइलों सहित कुल 300 सैन्य साजो सामान और तकनीक का प्रदर्शन किया जाएगा. इनमें अस्त्रा, एलआरसैम, क्यूआरसैम, एंटी रेडिएशन-एनजीआरएम, स्मार्ट एंटी एयरफील्ड वैपन और निर्भय मिसाइलों सहित पी16 हेवी ड्राप सिस्टम, कावेरी इंजन प्रोटोटाइप दिखाई पड़ेगा.


डीआरडीओ की तरफ से फ्लाईंग डिस्पले में टोही विमान, एवैक्स यानी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, एलसीए तेजस और एलसीए-नेवी दिखाई देंगे.


यूपी इंडस्ट्रियल कोरिडोर भी इस साल एयरो शो में दस्तक दे रहा है, ताकि देश-विदेश की कंपनियों को उत्तर प्रदेश में अपनी इंडस्ट्री लगाने के लिए आकर्षित किया जा सके.


इस साल जितनी भी बड़ी ग्लोबल एयरो-स्पेस कंपनियां बेंगुलरू में हिस्सा ले रही हैं उनमें अधिकतर भारत की सरकारी और निजी कंपनियों के साथ मेक इन इंडिया के साथ अपने प्रोडेक्ट्स का भारत में ही उत्पादन करने के लिए तैयार हैं. चाहे फिर वो अमेरिका की बोइंग कंपनी हो जो भारत में एफ-15ईएक्स फाइटर जेट बनाना चाहती हो या फिर एयरबस जो टाटा के साथ मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट (सी-295) तैयार करना चाहती हो. यूरोप की बड़ी कंपनी, थेल्स ने हाल ही में बीईएल के साथ स्टार-स्ट्रिक मिसाइल सिस्टम के लिए करार किया है. दुनियाभर में अपनी मिसाइलों के लिए जाने जानी वाली यूरोप की बड़ी कंपनी, एमबीडीए भी एयरो-शो में शिरकत कर रही है.


अमेरिका की ही बड़ी कंपनी, लॉकहीड मार्टिन, अपने एफ-21 फाइटर जेट और एमएच-60 आर रोमिया हेलीकॉप्टर, एस-76डी हेलीकॉप्टर और सी-13जे सुपरहरक्युलिस एयरक्राफ्ट को दिखा रही है.


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