Selfie Point In Colleges Debate: कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले बैकग्राउंड के साथ सेल्फी प्वाइंट बनाए जाने के निर्देश पर विवाद नहीं थम रहा है. हालांकि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस फैसले को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री देश के होते हैं. वे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए इसे राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए.


न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा पिछले दिनों जारी एक परिपत्र से जुड़ा मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि उसमें सभी कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों को ‘सेल्फी पॉइंट’ बनाने को कहा गया है, जिसके बैकग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर होगी. 


सेन ने उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवाल पूछते हुए जानना चाहा कि यूजीसी के किस निर्देश या नियम के तहत ऐसा किया जा सकता है? उन्होंने आरोप लगाया कि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक प्रचार प्रतीत होता है.


"मुझे अपने प्रधानमंत्री पर गर्व"
तृणमूल सांसद के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा, ‘‘मुझे अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है. देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गर्व है.'’  शिक्षा मंत्री ने इस फैसले का बचाव किया और इसे जायज ठहराया. 


जगदीप धनखड़ ने दी नसीहत
इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्ति देश के होते हैं, वे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिस प्रकार मुख्यमंत्री राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी अपील है कि जब बात संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों की हो, चाहे वे राज्यस्तर पर हों या केंद्र स्तर पर, हमारा नजरिया राजनीतिक नहीं सामान्य होना चाहिए.’’  


क्या है मामला 
आपको बता दें कि यूजीसी ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए एक खास पहल की है. इसके लिए देशभर के विश्वविद्यालय और कॉलेजों से कहा है कि वे अपने-अपने परिसर के अहम स्थलों सेल्फी प्वाइंट तैयार करें. इसी को लेकर विवाद बढ़ रहा है.


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