Jairam Ramesh On Sengol: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने तमिलनाडु के एक मठ के प्रमुख के साक्षात्कार का हवाला देते हुए शुक्रवार (9 जून) को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का सेंगोल को लेकर किया गया दावा ‘फर्जी’है. यह दावा बेनकाब हो गया है कि ब्रिटिश शासन ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर राजदंड (सेंगोल) देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था.
रमेश ने एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित थिरुवावदुथुरै अधीनम मठ के प्रमुख के साक्षात्कार का उल्लेख किया और कहा कि जब नेहरू को राजदंड भेंट किया गया था, तो उस समय न तो लॉर्ड माउंटबेटन और न ही चक्रवर्ती राजगोपालचारी मौजूद थे. नेहरू को उनके आवास पर 14 अगस्त, 1947 को यह राजदंड सौंपा गया था.
बीजेपी की फेक फैक्ट्री बेनकाब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर इस राजदंड को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के निकट स्थापित किया. संसद में इसे स्थापित किए जाने से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पवित्र राजदंड को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उपहार में दी गई ‘सोने की छड़ी’ कहकर उसे संग्रहालय में रख दिया. और हिंदू परंपराओं की अवहेलना की.
जयराम रमेश ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘थिरुवावदुथुरै अधीनम के प्रमुख ने ‘द हिंदू’ से जो कहा है, उससे बीजेपी का ‘फेक फैक्ट्री’ वाला रुख बेनकाब हो गया है. (राजदंड सौंपे जाने के समय) न लॉर्ड माउंबेटन थे, न राजगोपालाचारी जी थे. यह आजादी के समय सत्ता हस्तांतरण का हिस्सा नहीं था. परंतु यह बात सही है कि राजदंड नेहरू को सौंपा गया था और यह बात मैं लंबे समय से कहते आ रहा हूं.’’
थिरुवावदुथुरै अधीनम के प्रमुख ने ये कहा था
बता दें कि, द हिंदू के एक सवाल पर कि क्या अधीनम के पास इस बात का सबूत है कि 14 अगस्त, 1947 को नेहरू को पेश करने से पहले सेंगोल को माउंटबेट टेन को दिया गया था. इसपर थिरुवदुथुराई अधीनम के 24वें प्रमुख श्री ला श्री अंबालावना देसिका परमाचार्य स्वामीगल ने कहा, "इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है. मैंने सुना है कि उस घटना के संबंध में एक लघु फिल्म रिलीज की गई थी. कुछ लोग कहते हैं कि सेंगोल लॉर्ड माउंटबेटन को दिया गया था. उस जमाने के लोग भी यही कहते हैं.”
परमाचार्य स्वामीगल ने कहा कि अधीनम के पास यह साबित करने के लिए दस्तावेज और तस्वीरें हैं कि राजदंड नेहरू को दिया गया था, एक ऐसा बिंदु जिस पर कोई विवाद नहीं है. उनके अनुसार, कई लोगों को नेहरू को सेनगोल भेंट किए जाने की जानकारी नहीं थी.
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