Misa Bharti On Sengol: सेंगोल को लेकर सपा सांसद आर के चौधरी की टिप्पणी पर राजद की सांसद मीसा भारती ने कहा है कि इसे हटा देना चाहिए. मीसा भारती ने कहा कि ये कोई राजतंत्र तो है नहीं, यह एक लोकतांत्रिक देश है. इसे तो संग्रहालय में रखा जाना चाहिए जहां लोग आकर उसे देख सकें. उन्होंने कहा, जिसने भी ये मांग की है, हम उसका पूरा सपोर्ट करेंगे.


स्पीकर चुनाव के बाद आज (27 जून) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इसी बीच संसद में स्थापित किए गए सेंगोल पर भी सियासत होने शुरू हो गई. विपक्षी दलों के कई सांसदों ने सदन में लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के पास रखे सेंगोल को वहां से हटाने की मांग की. समाजवादी पार्टी ने सेंगोल को राजशाही बताया और कहा कि उसकी जगह संसद भवन में नहीं बल्कि उसकी जगह पर संविधान को स्थापित कर देना चाहिए. 


संविधान ज्यादा महत्वपूर्ण


सपा के राज्यसभा सांसद आरके चौधरी ने सेंगोल को हटाकर संविधान को स्पीकर पद के पास रखने की मांग की और कहा कि संविधान महत्वपूर्ण है और वह लोकतंत्र का प्रतीक है.  पिछले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में सेंगोल को स्थापित किया था. सेंगोल का मतलब होता है राज दंड यानी कि राजा का डंडा. उन्होंने आगे कहा कि सियासती व्यवस्था को खत्म करके देश आजाद हुआ तो देश राजा के डंडे से चले गए या संविधान से आरके चौधरी ने कहा कि मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटा दिया जाए. 


क्या बोले अखिलेश यादव


आरके चौधरी की इस मांग के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे लगता है हमारे सांसद शायद ऐसा इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि सेंगोल जब स्थापित किया गया था तो पीएम ने इसके सामने सर झुकाया था. हो सकता है की शपथ लेते वक्त वह इसे भूल गए हो और हो सकता है कि हमारी पार्टी ने उनको यह याद दिलाने के लिए ऐसा कहा हो सकता है कि वह भी कुछ और चाहते थे.


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