बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश सारंग का शनिवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनका पार्थिव शरीर मुंबई से भोपाल लाया जाएगा. बीजेपी नेता कैलाश सारंग 85 साल के थे और कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. बीते दिन ज्यादा तबीयत खराब होने के बाद उन्हे एयर एंबुलेंस के जरिए मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.


पीएम मोदी ने कैलाश सारंग के निधन पर जताया शोक


पीएम मोदी ने कैलाश सारंग के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि, उन्हें संवेदनशील और परिश्रमी नेता के तौर पर याद किया जाएगा. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट लिखा है कि, "कैलाश सारंग जी ने मध्य प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने के लिए बहुत प्रयास किए. उन्हें एक दयालु और मेहनती नेता के रूप में याद किया जाएगा." उन्होंने कहा, "उनके निधन से बहुत दुख हुआ. उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना. ओम शांति." बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कैलाश सारंग के निधन पर दुख व्यक्त किया है. मध्य प्रदेश के कईं वरिष्ठ नेताओं ने भी कैलाश सारंग के निधन पर शोक व्यक्त किया है.



इमरजेंसी के खिलाफ आवाज उठाने पर जेल में रहे


कैलाश सारंग के दो बेटे और तीन बेटियां है. उनका बेटा विश्वास सारंग मध्यप्रदेश सरकार में मत्री हैं. गौरतलब है कि कैलाश सारंग को स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और राजमाता विजयराजे सिंधिया के साथ मिलकर मध्य प्रदेश में जनसंघ की नींव को मजबूत बनाने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है. बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक कैलाश सारंग मीसाबंदी भी रह चुके हैं. दरअसल उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा देश में इमरजेंस लागू करने के खिलाफ आवाज उठाने की सजा के तौर पर कई महीने जेल में रहना पड़ा था. कैलाश सारंग कायस्थ महासभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक किताब 'नरेंद्र से नरेंद्र' भी लिखी थी. इस किताब में कैलाश सारंग ने पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन के संघर्षों का वर्णन किया है.


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