नई दिल्ली: राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्ग्रेट अल्वा ने बागी तेवर अपना चुके पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर रविवार को निशाना साधा और पूछा कि क्या बीजेपी में जाकर वह 45 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनना चाहते थे.
अल्वा ने पायलट द्वारा बागी तेवर अपनाए जाने के समय को लेकर भी उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि जब सारा देश कोविड-19 महामारी से लड़ रहा है और चीन के साथ सीमा पर गतिरोध बना हुआ है, ऐसे में मुख्यमंत्री बनाए जाने की उनकी मांग कहां तक जायज है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान में चुनाव बाद बहुमत की सरकार बनाई थी जिसमें सचिन पायलट को न सिर्फ उपमुख्यमंत्री बनाया गया, बल्कि चार महत्वपूर्ण विभाग दिए गए. उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी बरकरार रखा गया.
अल्वा ने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब कोविड-19 जैसा संकट हमारे सामने है, सीमा पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है, देश में हलचल है और आप कह रहे हो मुझे मुख्यमंत्री बनाओ. क्या ये उचित है? क्या यह सही समय है?’’
अल्वा ने कहा कि 25 साल की उम्र में सचिन पायलट कांग्रेस में शामिल हुए और 26 साल की उम्र में सांसद बन गए. दो बार केंद्रीय मंत्री रहे, प्रदेश अध्यक्ष बने, फिर उप मुख्यमंत्री बने. उन्होंने कहा, ‘‘25 से 41 साल तक की उम्र के सफर में क्या किसी और को इतना सबकुछ मिला है? अब आप बोल रहे हो कि मुझे मुख्यमंत्री बनाओ।’’
राजस्थान की राज्यपाल रह चुकीं अल्वा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अगर वह काम नहीं करना चाहते थे तो उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देकर बतौर प्रदेश अध्यक्ष काम करते रहना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि किसी ‘स्टार’ को धैर्यवान होना चाहिए. इतनी जल्दी में आप कहां पहुंचना चाहते थे? 42 साल की उम्र में मुख्यमंत्री और 45 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, आप भाजपा में जाकर.’’
उन्होंने पायलट का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप पढ़े लिखे हो, आप पॉप्यूलर हो, सब ठीक है. लेकिन धैर्य भी तो होना चाहिए. 15 विधायक लेकर आप मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.’’अल्वा ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी ‘‘युवा टीम’’ बनाने का मौका दिया जाना चाहिए, तभी पार्टी में नया दृष्टिकोण" और ‘‘नया जोश" आएगा.उन्होंने कहा कि आज देश की आबादी में 50 फीसद हिस्सा 25 साल से कम उम्र के युवाओं का है और इन युवा मतदाताओं की अपनी आशाएं व आकांक्षाएं हैं.
अल्वा ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी में आज जो वर्किंग कमेटी में बैठे हैं, जो तथाकथित ‘डिसिजन मेकर्स’ हैं, उनकी उम्र क्या है. उनकी औसत उम्र क्या है? चार, पांच को छोड़ दें तो सब 75, 80 और 85 के आसपास हैं। ये लोग तो राहुल जी को कभी आगे नहीं आने दे रहे हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘यह स्टेट लीडरशिप के साथ ‘टसल’ नहीं है. दिल्ली में राहुल जी को अपनी युवा टीम बनाने के लिए छोड़ देना चाहिए. तब एक नया दृष्टिकोण और नया जोश आएगा पार्टी में.’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी के अंदर यदि कोई मतभेद या विवाद है तो उसका समाधान निकाला जाना चाहिए और इसके लिए उचित मंच भी है. उन्होंने कहा, ‘‘अनुशासनात्मक समिति है... वर्किंग कमेटी है... महासचिव हैं. क्या कर रहे हैं सब? प्रत्येक चीज सोनिया जी के सिर पर डालकर...आप लोग क्या कर रहे हो भैया. जब पांच राज्यों में राहुल जी के नेतृत्व में सरकार आई तब तो कुछ नहीं बोले, एक कहीं हार गया तो राहुल जी का हो गया... ये वरिष्ठ नेता कर क्या रहे हैं? आप नहीं कर सकते तो छोड़ दीजिए. युवाओं को सामने आने का मौका दीजिए.’’
कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति के बारे में पूछे जाने पर अल्वा ने सवालिया लहजे में कहा कि किसने मना किया है. उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी अध्यक्ष पद के लिए खड़ा होना चाहता है तो खड़ा होने दीजिए... चुनाव होने दीजिए... कोई खड़ा होने को तैयार नहीं है. कोई नहीं चाहता है यह जिम्मेदारी लेना. किसने मना किया है?’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि उन्होंने पार्टी में उत्तर, दक्षिण और पूर्वोत्तर के लिए तीन उपाध्यक्ष बनाए जाने का सुझाव दिया था लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने केंद्र की मौजूदा सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह सिर्फ ‘‘मन की बात’’ कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘देश में क्या हो रहा है। पहले ऑल इंडिया रेडियो था, अब है ‘मन की बात. देश की आज हालत क्या है? अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति है? सारी निया सैटेलाइट के हवाले से कह रही है कि चीन हमारी सीमा में घुस आया है और आप कह रहे हो कि कोई हमारी सीमा में नहीं आया. दल-बदल कानून मजाक बन कर रह गया है. कोई बोलेगा तो जेल जाएगा... देशद्रोही बना दिया जाएगा.’’
बीजेपी के कांग्रेस मुक्त नारे की ओर इशारा करते हुए उन्होंने दावे के साथ कहा कि कांग्रेस कभी खत्म नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘‘इसका 150 साल पुराना इतिहास रहा है. कभी हारे, कभी जीते, कभी जेल गए तो कभी गद्दी पर भी बैठे। पर कांग्रेस को खत्म करने वाला कोई नहीं है.’’
अल्वा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए उन्हें ‘‘आया राम, गया राम’’ यानी कथित दल-बदल का निर्देशक बताया और कहा, ‘‘वक्त आएगा, ये जो सब छोड़कर भाग गए हैं, सब वापस आएंगे.’’