Samajwadi Party: कन्नौज से लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब सांसद हो गए हैं. अब यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ कर अखिलेश यादव फिलहाल दिल्ली की राजनीति करेंगे. दरअसल, यूपी में विधानसभा चुनाव 2027 में होने हैं. ऐसे में तब तक अखिलेश यादव संसद में अपनी पार्टी का नेतृत्व करेंगे.
उनके इस फैसले को लेकर राजनीतिक विश्लेषक अरुण पांडेय का कहना है कि 18 वीं लोकसभा चुनाव 2024 का ही नतीजा है कि बीजेपी बहुमत से दूर हो गई. इसी तरह से पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में भी हुआ है. ऐसे में इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ी जीत सपा यानी अखिलेश यादव की है. चूंकि, अखिलेश पिछले विधानसभा चुनाव में पिछड़ गए थे. वहीं, बसपा अभी मैदान में ही नहीं हैं. ऐसे में रही बात अखिलेश के परिवार के 5 सदस्यों की है. इस समय परिस्थिति आई है कि उन्हें केंद्र की राजनीति में जाना चाहिए.
अखिलेश यादव को लोकसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता
वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय ने कहा कि अखिलेश यादव 18वीं लोकसभा में मजबूत दिखेंगे. वहीं, यूपी में बीजेपी 62 से 33 सीटें में ही सिमट कर रह गई. अखिलेश यादव को इस चुनाव में शानदार सफलता मिली हैं. पिछले 10 सालों से मजबूत सरकार चल रही थी, लेकिन इस बार लोगों को मजबूत विपक्ष मिला है. आने वाले महीनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में विपक्ष काफी मजबूत दिखता नजर आ रहा है. अरुण पांडेय का कहना है अखिलेश यादव को केंद्र की राजनीति में जाना चाहिए.
अब दिल्ली की राजनीति पर अखिलेश की नजर
राजनीतिक विश्लेषक अरुण पांडेय ने आगे बताया कि अखिलेश यादव यूपी में भी विपक्ष का बड़ा चेहरा बने रहेंगे. फिलहाल, वो यूपी से बाहर नहीं चले जाएंगे. मेरा जो आकलन हैं क्योंकि, अखिलेश कन्नौज से सांसद चुने गए हैं. अगर वो दिल्ली की राजनीति करने जाते हैं तो भी यूपी में विपक्ष कमजोर नहीं रहेगा. आखिर सपा का चेहरा तो अखिलेश यादव ही रहेंगे.
विधानसभा में योगी आदित्यनाथ के सामने अखिलेश नहीं दिखेंगे. लेकिन समाजवादी पार्टी का संख्या बल उनकी राजनीति रहेगी. सदन में विपक्ष की ताकत संगठन और चेहरा अखिलेश ही रहेंगे. भले ही विपक्ष में उनकी जगह कोई और नेता रहे.
दिल्ली की राजनीति में अखिलेश को जाना चाहिए
अरुण पांडेय का मानना है कि अखिलेश यादव की डिमांड है कि लोकसभा जाना बेहतर रहेगा, वहीं, अगले 2 महीने में जम्मू कश्मीर में चुनाव होने हैं. ऐसे में दिल्ली की राजनीति में अखिलेश को जाना चाहिए. विपक्ष में सांसद और पार्टी के अध्यक्ष की भूमिका में वही रहेंगे. जो विपक्ष में थे. क्योंकि, न तो वो यूपी की सत्ता में हैं और न ही केंद्र की सत्ता में हैं.
क्या शिवपाल यादव होंगे यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष?
अरुण पांडेय ने आगे कहा कि यूपी की राजनीति में पहले 3 चेहरे हुआ करते थे. अब 2 चेहरे ही बचे हैं. एक बसपा, सपा और कांग्रेस तो सपा के वोट में बह गई है. अब कांग्रेस की जगह पर बीजेपी ने ले ली है. ऐसे में सपा तो विपक्ष में ही रहेगी. फिलहाल, यूपी में नेता प्रतिपक्ष की जगह शिवपाल यादव ले सकते हैं. क्योंकि, अभी तक बाहर का चेहरा कोई नजर नहीं आ रहा है. जिसको आगे करके वो यूपी का नेता प्रतिपक्ष बनाए.
ऐसे में अखिलेश को बीजेपी घेरने के लिए प्रदेश की जगह केंद्र का रास्ता खुला पड़ा हुआ है. चूंकि, शिवपाल अब विधायक दल में सबसे वरिष्ठतम सदस्य हैं इसलिए माना जा रहा है कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जा सकता है.
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