Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' इस समय जम्मू कश्मीर में चल रही है. यात्रा को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में खूब जोश भी नजर आ रहा है. पिछले साल, सितंबर के महीने में शुरू हुई ये यात्रा कई बार मीडिया की सुर्खियों में रही. बहुत बात पर ये सवाल भी आया कि आखिर राहुल गांधी इस यात्रा से क्या साबित करना चाहते हैं और उनका मकसद क्या है? 


आपका अखबार के संपादक प्रदीप सिंह ने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर विश्लेषण किया है और ये समझने की कोशिश की है कि उनका मकसद क्या है. प्रदीप सिंह का कहना है कि राहुल गांधी को सबसे बड़ी शिकायत मीडिया से है, वो कहते हैं मीडिया महंगाई और बेरोजगारी पर कुछ दिखाता नहीं है, अग्निवीर में इतनी कमियां हैं और वो भी कोई चैनल नहीं दिखाना चाहता. प्रदीप सिंह का मानना है कि राहुल गांधी को भारतीय राजनीति की समझ नहीं है और वो भारतीय मतदाताओं को भी नहीं समझते हैं.


'राहुल गांधी लीडरशिप क्वालिटी को अपनाना नहीं चाहते'


प्रदीप सिंह ने कहा कि पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ ने कहा था कि आप किसी नेता के परिवार में जन्म ले लेने से नेता नहीं बन जाते. प्रदीप सिंह ने कहा कि ये बात बिल्कुल ठीक है और यही बात राहुल गांधी पर बिल्कुल खरी उतरती है. प्रदीप सिंह ने कहा, "राहुल गांधी एक परिवार में जन्म लेने के कारण ये बात मानकर चल रहे हैं कि उनमें लीडरशिप क्वालिटी है. यही बात उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है, क्योंकि इसकी वजह से वो लीडरशिप क्वालिटी को अपनाना नहीं चाहते, वो उसकी जरूरत नहीं समझते."


'राहुल गांधी को समझ नहीं है'


वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, "राहुल गांधी के मन में गलत अवधारणा है और यही उनकी समस्या की जड़ है. जब वो कहते हैं महंगाई पर चर्चा नहीं होती तो इससे साफ है कि उनको न तो इस बात की जानकारी है और ही समझ है." प्रदीप सिंह ने आगे राहुल गांधी की संसद वाली टिप्पणी पर कहा कि उनकी संसद में हाजिरी सबसे कम है. आप संसद में जाएंगे नहीं और आप चाहेंगे कि आपकी बात संसद में गूंजे तो ऐसा तो हो नहीं सकता.


'आप हिंदू धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते'


प्रदीप सिंह ने कहा, "जब राहुल गांधी कहते हैं कि उन्होंने वेदों, उपनिषदों और गीता को पढ़ा है और वो हिंदुत्व के बारे में जानते हैं तो इससे पता लगता है कि आप हिंदू धर्म के बारे में कुछ नहीं जानते." पत्रकार ने आगे कहा कि राहुल ने राफेल और पेगासस के मामले में बहुत कहा, लेकिन लोगों ने उनकी एक बात नहीं मानी. राहुल गांधी को लगता है सुप्रीम कोर्ट भी डरा हुआ है, सिर्फ अकेले वो हैं जो डरे हुए नहीं हैं.


'राहुल गांधी का एक लक्ष्य तो पूरा हो गया'


प्रदीप सिंह ने कहा, "राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर में यात्रा के प्रवेश करते ही कहा कि 'उन्होंने ये यात्रा इसलिए शुरू की, क्योंकि मीडिया नरेंद्र मोदी को दिखाता है'. यानी साफ है कि राहुल गांधी का टारगेट भारत को जोड़ना नहीं था बल्कि खुद से कांग्रेस से जोड़ना था." प्रदीप सिंह ने कहा कि जबसे यात्रा शुरू हुई है राहुल गांधी मीडिया में बने हुए हैं तो उनका ये लक्ष्य हासिल हो गया.


'कांग्रेस ने दिया अजीबोगरीब तर्क'


प्रदीप सिंह ने कहा कि मीडिया अटेंशन मिलने और वोट मिलने में जमीन आसमान का अंतर है. वो लगातार एक सी बात ही करते हुए नजर आ रहे हैं. 7 सितंबर से यात्रा चल रही है और उनके भाषणों में नयापन नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से भी एक अजीब बात निकलकर सामने आई. कांग्रेस ने कहा कि लाल चौक पर राहुल गांधी झंडा नहीं फहराएंगे, क्योंकि लाल चौक बीजेपी और आरएसएस का एजेंडा है. ये सिर्फ दिमागी दिवालियापन है और कुछ नहीं. प्रदीप सिंह ने कहा, लाल चौक पर तिरंगा फहराना राष्ट्रवाद की जीत है. ये बात कांग्रेस की समझ नहीं आती है. 


'कांग्रेस अलगाववाद के खिलाफ नहीं बोलना चाहती'


प्रदीप सिंह ने कहा कि मोदी के आने के बाद से लाल चौक पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को बहुत ऊंचा झंडा फहराया जाता है. कोई घटना नहीं होती है. पहले तिरंगा जला दिया जाता था और उस जगह पाकिस्तान का झंडा फहराया जाता था. कांग्रेस अलगाववादी ताकतों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से नहीं बोलना चाहती है, क्योंकि संभावना ये है कि उसमें कश्मीर के कई नेता शामिल होंगे. 


'भगवान ही कांग्रेस का मालिक है'


प्रदीप सिंह ने कहा कि राहुल गांधी का लक्ष्य तो पूरा हो गया है मीडिया अटेंशन का. अगर कांग्रेस को इसी में बड़ी जीत लगती है तो फिर भगवान ही कांग्रेस का मालिक है. 30 जनवरी के बाद अगर कांग्रेस सोच रही है कि उसका कायाकल्प हो जाएगा तो मुझे उसके कोई संकेत दिखाई नहीं दे रहा है. 


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