नई दिल्लीः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कद्दवार नेता और पूर्व सांसद डीपी त्रिपाठी का निधन हो गया है. वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका पूरा नाम देवी प्रसाद त्रिपाठी है. वह एनसीपी में महासचिव के पद पर थे. उनके निधन की खबर के बाद एनसीपी नेता सुप्रिया सुलेने दुख जताया है. सुप्रिया सुले ने कहा, ''उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ है. वह पार्टी महासचिव पद पर तैनात थे. वह पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए गुरु के रूप में काम करते थे.''


सुप्रिया सुले ने कहा, ''उन्हें बुद्धिमान परामर्श और मार्गदर्शन के लिए याद किया जाएग. उन्होंने उस दिन से साथ दिया जिस दिन से एनसीपी की स्थापना हुई थी.'' सुप्रिया सुले ने कहा, ''भगवान उनकी आत्मा को शांति दें. दुख की इस घड़ी परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं.''


 येचुरी ने डीपी त्रिपाठी के निधन पर जताया शोक


सीताराम येचुरी ने डीपी त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुये कहा कि उन्होंने अपने छात्र जीवन के समय से लेकर अब तक के सबसे करीबी मित्र को खो दिया है. येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ''कामरेड त्रिपाठी साथी छात्र, जीवन के सहयात्री और बहुत कुछ थे. विश्वविद्यालय के दिनों से लेकर उनके जीवन के अंतिम दिनों तक हमारा संवाद अंतहीन था. बहस और असहमति के बीच हमने एक दूसरे से बहुत कुछ सीखा.''


जेएनयू छात्र संघ के बने थे अध्यक्ष


29 नवंबर 1952 को यूपी से सुल्तानपुर में जन्में डीपी त्रिपाठी पढ़ाई के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे थे. राजनीति के प्रोफेसर के रूप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उन्होंने अपनी सेवाएं दी.


राजीव गांधी के थे सहायक


डीपी त्रिपाठी साल 1983 से लेकर 1999 तक कांग्रेस पार्टी के सदस्य रहे थे. 1983 से 1991 तक राजीव गांधी के सहायक के रूप में उन्होंने काम किया. 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर एनसीपी में शामिल हो गए थे.


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