नई दिल्ली: महिला संबंधी अपराधों को रोकने के लिए पुलिस हर वह जरूरी कदम उठाने जा रही है जिससे घटनाओं पर रोक लगाई जा सके. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की सीधी जवाबदेही तय की जाएगी, छोटे पुलिस कर्मियों को ही नहीं अब लापरवाही बरतने वाले पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.


देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में तेजी आई है. हैदराबाद और उन्नाव की घटना के बाद पूरे देश में महिला संबंधी अपराधों को लेकर गुस्सा और रोष है. ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस पर दवाब बढ़ गया है. कई मामलों में पाया गया है कि महिला संबंधी अपराध पुलिस की लापरवाही और वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यान नहीं देने की वजह से होते हैं.


पुलिस अब इन गलतियों को दूर करना चाहती है. बड़े राज्यों में पुलिस की कार्यशैली हमेशा से ही सवालों के घेरे में रही है. अक्सर देखा गया है कि ऐसे मामलों में पुलिस की पहली कोशिश मामले को दबाने की रहती है. पुलिस केस भी दर्ज करने से बचती है. लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा. लापरवाह पुलिस कर्मियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है.


महिला और बच्चों संबंधी मामलों में अब वरिष्ठ अधिकारियों की सीधी जवाबदेही तय की गई है. अगर कोई भी घटना घटित होती है तो इसमें सबसे पहले वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाएगी. वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से अगर कोई लापरवाही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई तय है. वहीं, हत्या और रेप जैसे मामलों में जांच के प्रत्येक बिंदुओं पर बारीकी से पड़ताल करनी जरूरी होगी. सबूत के दृष्टिकोण से तमाम चीजों की गहनता से पड़ताल करनी जरूरी होगी.