वैश्विक रुख के कारण शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 624 अंक गिरा
सेंसेक्स 700 अंक तक का गोता लगाने के बाद 623.75 अंक अथवा 1.66 प्रतिशत गिरकर 36,958.16 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स कारोबार के दौरान 36,888.49 और 37,755.16 अंक के के बीच रहा. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 183.80 अंक यानी 1.65 प्रतिशत घटकर 10,925.85 अंक पर बंद हुआ.
मुंबई: व्यापार युद्ध, हांगकांग में प्रदर्शन और अर्जेंटीना की मुद्रा में गिरावट के बीच वैश्विक शेयर बाजारों में बिकवाली से मंगलवार को घरेलू बाजार में भी गिरावट का दौर रहा. बीएसई का सेंसेक्स 624 अंक गिरकर बंद हुआ. यह महीने की सेंसेक्स की सबसे बड़ी एक दिन की गिरावट है. बाजार में चौतरफा गिरावट के विपरी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 10 प्रतिशत तक चढ़ गया. इसने सेंसेक्स को कुछ हद तक संभाला. कंपनी ने अपने तेल और पेट्रोरसायन व्यवसाय की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 15 अरब डालर में सऊदी अरामको को बेचने की घोषणा की है. समूह की दूर संचार कंपनी फाइबर नेटवर्क पर कुछ धमाकेदार सेवाएं देने की भी पेशकश की है. वैश्विक रुख के अलावा, अर्थव्यवस्था में नरमी, घरेलू वृहद आर्थिक चुनौतियों और कई क्षेत्रों की मांग में गिरावट से भी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई.
बीएसई का 30 कंपनियों के शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स 700 अंक तक का गोता लगाने के बाद 623.75 अंक अथवा 1.66 प्रतिशत गिरकर 36,958.16 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स कारोबार के दौरान 36,888.49 और 37,755.16 अंक के के बीच रहा. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 183.80 अंक यानी 1.65 प्रतिशत घटकर 10,925.85 अंक पर बंद हुआ. दिन में यह नीचे में 10,901.60 और ऊपर में 11,145.90 अंक तक गया था.
सबसे ज्यादा नुकसान में येस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, एचडीएफएसी, मारुति, टाटा स्टील और एलएंडटी के शेयर रहें. इनमें 10.35 प्रतिशत तक की गिरावट आई. वहीं, दूसरी तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 9.72 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ. कंपनी का कहना है कि वह हिस्सेदारी बेच कर 18 महीने में रिण भार मुक्त बना जाएगी. इसके अलावा, सन फार्मा और पावर ग्रिड के शेयरों में भी तेजी रही.
भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन ' सियाम ' की मंगलवार को जारी रपट के मुताबिक देश में जुलाई की वाहन बिक्री में 19 साल की यानी 18.71 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है. वाहन उद्योग पिछले दो - तीन महीने से भारी दबाव झेल रहा है. इसके चलते 15,000 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और 10 लाख से अधिक नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय कंपनियों के उम्मीदों के अनुरूप तिमाही परिणाम नहीं आने और रुपये में कमजोरी से अभी और बिकवाली की आशंका है. सेंट्रम ब्रोकिंग में वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगन्नाधाम थुनुगुंत्ला ने कहा, '' अमेरिका - चीन व्यापार तनाव को लेकर वैश्विक स्तर पर गहराती चिंता के चलते घरेलू बाजार का रुख वैश्विक बाजार के अनुरूप रहा. अर्जेंटीना और हांगकांग के बाजार में बिकवाली का दौर देखा गया. '' ब्रेंट कच्चा तेल भाव 0.51 प्रतिशत चढ़कर 58.27 डॉलर प्रति बैरल रहा.