Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी के अभी तक मंत्री बने रहने के मामले में आज मंगलवार (02 जनवरी) को सुप्रीम में सुनवाई होनी है. उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल जून के महीने में गिरफ्तार किया था. उनसे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नौकरी घोटाले को लेकर पूछताछ की गई थी.
नवंबर के महीने में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक जमानत याचिका डाली दी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर जमानत देने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि नियमित जमानत देने के लिए निचली अदालत में याचिका डालें. साथ ही कहा था कि निचली अदालत का फैसला प्रभावित नहीं होना चाहिए.
तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री हैं सेंथिल बालाजी
तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री वी सेंथिल बालाजी के ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा था और 24 घंटे छापेमारी के बाद उन्हें 14 जून, 2023 को गिरफ्तार कर लिया था गया था. जब उन्हें पता चला कि ईडी ने उन्हें गिफ्तार कर लिया है तो उनकी अचानक तबियत बिगड़ गई. उन्होंने अपने सीने में दर्द की शिकायत बताई थी. जिसके बाद उन्हें चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान वो फूट-फूटकर रोते भी दिखाई दिए.
किस केस में गिरफ्तार किया गया?
तमिलनाडु में साल 2014 में हुए कथित कैश फॉर जॉब घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेंथिल बालाजी के खिलाफ ईडी को जांच की अनुमति दी थी. उस समय सेंथिल बालाजी एआईडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री थे. साल 2015 में देवसगमय नाम के शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने परिवहन विभाग में अपने बेटे को नौकरी दिलाने के लिए कंटडक्टर को लाखों रुपये दिए थे. न तो उसके बेटे को नौकरी मिली और न ही दिए हुए पैसे वापस मिले.
इस मामले में सीधे बालाजी का नाम नहीं आया था लेकिन मार्च 2016 में एक अन्य शख्स गोपी ने इसी तरह की एक शिकायत और दर्ज कराई जिसमें उसने आरोप लगाया कि उसने दो व्यक्तियों को 2 लाख 40 हजार रुपये का भुगतान किया. ये दो व्यक्ति कथित तौर पर बालाजी से जुड़े हुए थे.
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