पुणे: देश में कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशिल्ड बनाने वाले सीरम इंस्टीट्यूट के पांच मंजिला निर्माणाधीन भवन में 21 जनवरी को भीषण आग लग गई थी. इस हादसे में संविदा पर काम करने वाले पांच मजदूरों की मौत हो गई थी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि परिसर में बृहस्पतिवार को लगी आग दुर्घटना है या किसी ने जानबूझकर ऐसा किया है, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट आने पर ही होगा. जानिए आग से सीरम इंस्टीट्यूट को कितने हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.


1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ- पूनावाला


सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया है कि उसके परिसर में लगी आग से उसे एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्याधिकारी (सी़ईओ) आदर पूनावाला ने कहा, ‘‘1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है क्योंकि वहां ऐसे उपकरण और उत्पाद रखे हुए थे जिन्हें लांच (बाजार में उतारा) जाना था.’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि आग के कारण कोरोना के टीके कोविशील्ड के उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है.


पूनावाला ने कहा, ‘‘हम बहुत किस्मत वाले हैं की जिस इमारत में दुर्घटना हुई, कोविड-19 का टीका वहां नही रखा हुआ था. घटना जहां हुई है वहां दूसरे टीकों का उत्पादन हो रहा है और हम उनके उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे.’’ उन्होंने कहा कि इमारत में रोटावायरस और बीसीजी (टीबी का टीका) टीकों की इकाई थी और आग लगने से उन्हें बहुत नुकसान हुआ है.


कोविशील्ड इकाई से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है आग वाली इमारत


इंस्टीट्यूट के सीईओ ने कहा, ‘‘हम उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे और अन्य इकाइयों से उनका उत्पादन लक्ष्य प्राप्त करेंगे. ज्यादा नुकसान वित्तीय हुआ है और आपूर्ति के संदर्भ में कोई हानि नहीं हुई है.’’ पूनावाला ने कहा कि यह इमारत नई थी और वहां अतिरिक्त उत्पादन इकाई स्थापित की जा रही थी. आग लगने की घटना टीके की शीशी भरने और थोक उत्पादन सुविधा में हुई है.


बता दें कि जिस इमारत में आग लगी वह कोविशील्ड इकाई से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. आग लगने की घटना के तुरंत बाद किसी के हताहत नहीं होने की सूचना देने वाले पूनावाला के ट्वीट के बारे में जब उनसे पूछा गया तो, उन्होंने कहा, ‘‘हम यह जानकर बहुत खुश थे कि कोई हताहत नहीं हुआ है, इसलिए मैंने यह सूचना ट्वीट की थी. लेकिन बाद में वहां से पांच शव मिले.’’


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