सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 12 से 17 साल के आयु समूह के लिए कोवोवैक्स के इमरजेंसी यूज के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से इजाजत मांगी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से कहा है कि 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों में कोवोवैक्स वैक्सीन की आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति के लिए दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन जमा कर रहे हैं. 


इसके अलावा रिपोर्ट के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कंपनी के आवेदन में कहा है कि 12 से 17 वर्ष की आयु के लगभग 2,707 व्यक्तियों पर दो अध्ययनों के डेटा से पता चलता है कि कोवोवैक्स अत्यधिक प्रभावकारी, प्रतिरक्षात्मक, सुरक्षित है. उन्होंने आगे कहा कि हमें यकीन है कि कोवोवैक्स हमारे देश और दुनिया के बच्चों को कोविड -19 से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और हमारे राष्ट्रीय ध्वज को विश्व स्तर पर ऊंचा रखेगा.


ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने पिछले साल 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए कोवोवैक्स को मंजूरी दी थी. इसे 17 दिसंबर 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आपातकालीन उपयोग सूची प्रदान की गई थी. 


कॉरबेवैक्स को मिली मंजूरी


इससे पहले डीसीजीई ने  12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए बायोलॉजिकल ई की कोरोना वैक्सीन कॉरबेवैक्स को मंजूरी दे दी. कोर्बेवैक्स वैक्सीन को मांसपेशियों के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा. 28 दिनों के अंदर इसकी दो डोज लेनी होगी.  इस टीके की स्टोरेज दो से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है.


बता दें कि सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाने का फैसला नहीं किया है.  भारत 15 से 18 साल के लोगों को टीका लगाने के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का उपयोग कर रहा है. 


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