SII की दूसरी वैक्सीन 'कोवोवैक्स' के तीसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल जून के मध्य तक हो सकता शुरू
संशोधन के अनुसार, ट्रायल अब देश में 20 सेंटर पर 18 साल से अधिक उम्र के 1400 स्वयंसेवकों पर होगा. इनमें से चार सेंटर पुणे में हैं. कंपनी को इस साल सितंबर तक इसे बाजार में उतारने की उम्मीद है.
नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन 'कोविशील्ड' का उत्पादन कर रहा है. देश में उसकी दूसरी वैक्सीन 'कोवोवैक्स' का क्लिनिकल ट्रायल भी चल रहा है. अब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 'कोवोवैक्स' के तीसरे क्लिनिकल ट्रायल के संचालन के लिए प्रोटोकॉल में संशोधन की मंजूरी दे दी है. इस वैक्सीन तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल जून के मध्य तक शुरू हो सकता है.
संशोधन के अनुसार, ट्रायल अब देश में 20 सेंटर पर 18 साल से अधिक उम्र के 1400 स्वयंसेवकों पर होगा. इनमें से चार सेंटर पुणे में हैं. कंपनी को इस साल सितंबर तक इसे बाजार में उतारने की उम्मीद है.
स्पूतनिक-V वैक्सीन बनाने की भी मिली इजाजत
इससे पहले डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को रूस की स्पूतनिक-V वैक्सीन बनाने की इजाजत दी थी. सीरम इंस्टीट्यूट एस्ट्राजेनिका के साथ मिलकर देश में पहले ही कोविशील्ड वैक्सीन बना रही है.
कंपनी ने इस संबंध में गुरुवार को डीसीजीआई को आवेदन दिया था. डीसीजीआई द्वारा तय शर्तों के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट को उसके और मॉस्को के संस्थान के बीच समझौते की प्रति जमा करनी होगी. RCGM ने SII के आवेदन के संबंध में कुछ सवाल किए हैं और पुणे स्थित कंपनी एवं गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के बीच सामग्री हस्तांतरण संबंधी समझौते की प्रति मांगी है.
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