एक वालेंटियर की तरफ से कोविशील्ड वैक्सीन की क्लिनिकल ट्रायल के दौरान बीमार पड़ने के आरोप और इसके क्लिनिकल ट्रायल पर रोक लगाने की मांग के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने मंगलवार को कहा कि उसकी कोरोना वैक्सीन पूरी तरह ‘सुरक्षित और प्रतिरोधी’ है. दवा निर्माता कंपनी ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान एक वालेंटियर वैक्सीन की खुराक लेने के चलते बीमार नहीं पड़ा.
समाचार एजेंसी एएनआई ने SII के बयान का हवाला दिया है, जिसमें यह कहा गया है- “कंपनी की तरफ से सभी रेगुलेटरी, नैतिक प्रक्रियाओं और गाइडलाइन्स का पालन किया गया है. मुख्य इन्विस्टिगेटर डीएसएमबी (डेटा एंड सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड) और एथिक्स कमेटी ने कहा कि इसका वैक्सीन ट्रायल से कोई संबंध नहीं था.”
पुणे की इस कंपनी ने यह भी कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का नोटिस भी भेजा है, जिसने यह दावा किया कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान उसे गंभीर साइड इफैक्ट्स हुए हैं.
गौरतलब है कि एक वालेंटियर ने सीरम इंस्टीट्यूट को कानूनी नोटिस भेजते हुए ट्रायल के दौरान न्यूरोलॉजिकल समेत गंभीर साइड इफैक्टिस होने का दावा किया है. इसके साथ ही उसने सीरम इंस्टीट्यूट से 5 करोड़ रुपये हर्जाना मांगते हुए इसके ट्रायल लगाने की मांग की है.
भारत में ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का सीरम इंस्टीट्यूट और एस्ट्रेजेनिका की तरफ से क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है. एसआईआई के साथ वालेंटियर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और चेन्नई के श्रीराम चंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च का भी नाम दिया है, जिसने वालेंटियर्स को वैक्सीन की खुराक दी है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने पूरे मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी को भेजा है.
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