ये सात फैसले बताएंगे आपको बजट से नोटबंदी के बदले क्या मिला?
नई दिल्ली: आज वित्त मंती अरुण जेटली ने 2017-18 का बजट पेश किया. इस बजट के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक लाइन में इसका लब्बोलुआब पेश कर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, ''बजट में दाल से लेकर डेटा तक का ख्याल रखा गया.''
नोटबंदी के बाद देश ने जो कष्ट झेला क्या उसका कोई फायदा मिला?
दरअसल मोदी सरकार ने पिछले बजट से ही सूटबूट की छवि से बाहर आने की शुरुआत कर दी थी. कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को सूटबूट की सरकार कहती थी लेकिन पिछले साल ही मोदी सरकार ने सूटबूट की सरकार का तमगा चिपकाने की विपक्ष की कोशिश खत्म कर दी थी और आज जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश किया तो उनके पिटारों से एक बार फिर गरीबों के लिए अच्छी खबर निकली और अमीरों के लिए बुरी खबर.
सात फैसलों से समझें क्या नोटबंदी के बदले कुछ मिला ?
पहला फैसला- अमीरों से लिया मिडिल क्लास और गरीबों को छूट दी
ढाई से पांच लाख पर 10 फीसदी की टैक्स को आधा करके पांच फीसदी कर दिया. अब तीन लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं अमीरों पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया. 50 लाख से 1 करोड़ रुपए की सालाना आय वालों को 30% टैक्स पर 10% सरचार्ज देना होगा. हिसाब लगाएं तो हर साल उन्हें 2 लाख 76 हजार 813 रुपये ज्यादा चुकाने पड़ेंगे. इसी तरह 1 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों को 30% टैक्स पर 15% सरचार्ज लगेगा. गरीबों में बांटने के लिए सरकार बजट पर अतिरिक्त बोझ डालती रहती है लेकिन इस बार मोदी सरकार ने गरीबों को देने के लिए अमीरों का टैक्स बढ़ाया जिससे हानि-लाभ की गुंजाइश नहीं बची.
दूसरा फैसला- किसानों की झोली भर दी
किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में कर्ज की राशि एक लाख करोड़ से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये की गई. फार्म लोन टारगेट 9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये किया. सिंचाई के लिए आवंटित राशि 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ कर दी गई सॉइल हेल्थ कार्ड पर जोर, कृषि विज्ञान क्षेत्र में 100 नए लैब बनाए जाएंगे. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 9 हजार करोड़ दिए गए. मनरेगा के लिए 48 हजार करोड़ रुपये दिए गए, 10 लाख तालाब बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है.
तीसरा फैसला- गांवों पर फोकस
2019 तक 1 करोड़ पक्के घर दिए जाएंगे. सारे गांवों में मार्च 2018 तक बिजली पहुंचेगी. गांवों में 133 किमी सड़क रोज बन रही है, पहले 73 किमी सड़क रोज बनती थी.
चौथा फैसला- छोटे उद्योगों को बड़ी छूट
छोटी कंपनियों का कॉर्पोरेट टैक्स कम कर दिया है. कॉर्पोरेट टैक्स 30 फीसदी से घटाकर 25% कर दिया गया है. 50 करोड़ तक के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को तरजीह दी जाएगी. 96% कंपनियां इसी दायरे में आती हैं, स्टार्टअप के लिए कंपनियों को टैक्स सीमा में सात साल के लिए छूट दी गई.
इसके अलावा सरकार ने इस बार अफर्डबल हाउजिंग यानी किफायती घरों को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने तका एलान किया.. रियल एस्टेट इंडस्ट्री इसकी लंबे समय से मांग कर रही थी. इस फैसले का ये असर होगा कि घरों को बनाने की लागत घट जाएगी और ज्यादा निवेशक आएंगे. फायदा मिडिल क्लास को भी मिलेगा
पांचवां फैसला- बुजुर्गों को फायदा
एलआईसी बुजुर्गों की नई योजना लाएगी जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को 8 फीसदी तय रिटर्न मिलेगा. बुजुर्गों के लिए आधार आधारित हेल्थ कार्ड आएगा जिसमें उनकी सेहत की सारी जानकारी होगी.
छठा फैसला- राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी का एलान
छात्रों के लिए आईआईटी, मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए नई संस्था राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी बनेगी.. यानी अब आईआईटी, सीबीएसई और एआईसीटीसी प्रवेश परीक्षाएं नहीं लेंगी. अभी तक अलग-अलग बॉडी परीक्षाएं लेती थीं
सातवां फैसला- 3 लाख से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन पर रोक
3 लाख रुपये से नकद ट्रांजेक्शन पर रोक का फैसला काले धन पर लगाम लगाने के लिए है. यानी 3 लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन अब सिर्फ डिजिटल या ऑनलाइन ही कर पाएंगे.
गांव, गरीब, किसान, मिडिल क्लास को देकर और अमीरों से लेकर सरकार ने अपनी छवि एक बार फिर चमकाई है.. मोदी सरकार इसका इशारा पहले ही कर चुकी थी.