Adenovirus Cases in West Bengal: पश्चिम बंगाल में एडिनो वायरस (Adenovirus) लगातार पैर पसार रहा है. यहां बुधवार (1 मार्च) को सांस संबंधी संक्रमण (Respiratory Infection) के कारण सात और बच्चों की मौत हो गई. हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस मौसम में इन्फ्लूएंजा (influenza) जैसी बीमारियां आम हैं और जान गंवाने वाले बच्चे अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे.


अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटे में कोलकाता में सरकारी अस्पतालों में पांच बच्चों और बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो बच्चों की मौत हो गई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एडिनो वायरस के लक्षण वाले मरीजों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. बच्चे अन्य बीमारियों से पीड़ित थे.’’ उन्होंने कहा कि यह पुष्टि होने में समय लगेगा कि ये मौत एडिनो वायरस की वजह से हुई है या नहीं.


एक दिन पहले पांच बच्चों ने गंवाई थी जान


इससे पहले मंगलवार (28 फरवरी) को भी सांस संबंधी दिक्कतों के चलते पांच बच्चों की मौत होने की खबर आई थी. बताया गया था कि पिछले 24 घंटों में बच्चों ने जानें गंवाईं. इनमें से दो बच्चों का इलाज कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल चल रहा था जबकि तीन अन्य का उपचार डॉ. बीसी रॉय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ पीडियाट्रिक साइंसेज में हो रहा था. 


स्वास्थ्य अधिकारी ने निमोनिया को बताया कारण


पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने मीडिया को बताया था कि पांचों बच्चों की मौत निमोनिया के कारण हुई. उन्होंने कहा था कि जान गंवाने वाली एक 9 महीने की बच्ची की जांच रिपोर्ट का आना बाकी है. उसके बाद पुष्टि हो सकेगी कि उसकी मौत एडिनो वायरस से हुई या नहीं. 


क्या है एडिनो वायरस और इसका इलाज?


अब तक के आंकड़े बताते हैं कि इस वायरस से ज्यादातर बच्चे ग्रसित हो रहे हैं. हालांकि, हर उम्र के लोगों को यह संक्रमित कर सकता है. सर्दी या फ्लू, बुखार और गले में खराश होना, गले में सूजन, निमोनिया, आंख आना और पेट में सूजन आदि इसके लक्षणों में शामिल हैं. कमजोर रोग प्रतिरोधक (इम्यूनिटी) क्षमता वाले लोगों को इससे खतरा ज्यादा है. वहीं, जो लोग पहले से सांस या हृदय रोग से ग्रसित हैं, उन्हें खासतौर से सावधान रहने की सलाह दी जाती है. 


अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक, एडिनो वायरस संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क में आने से फैल सकता है. खांसी और छींक के कारण हवा के जरिये भी यह शिकार बना सकता है. वर्तमान में एडिनो वायरस के लिए अलग से कोई विशेष कोर्स या एंटी वायरल दवाएं उपलब्ध नहीं हैं. फिलहाल इससे ग्रसित मरीजों का इलाज पेन-किलर्स या ऐसी किसी दवा से किया जाता है जो इसके लक्षणों में उपचार के काम आ सकती हैं.


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