नई दिल्ली: अफगानिस्तान में भारतीय कंपनी आरपीजी के सात कर्मचारियों को तालिबान ने बंधक बना लिया है. आरपीजी ग्रुप के प्रमुख हर्ष गोयनका ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की लोगों को छुड़ाने की अपील की है. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत, अफगानिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक भारतीय दूतावास में तैनात दो भारतीय अधिकारियों ने भी इस अपहरण की पुष्टि की है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "हम भारतीय नागरिकों के अफगानिस्तान के बगलान प्रांत से अपहरण की घटना से अवगत हैं. हम अफगानिस्तान अधिकारियों के संपर्क में हैं और आगे के विवरणों का पता लगाया जा रहा है."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने भारतीय कर्मचारियों को सरकारी अफसर समझ कर अगला किया है. फिलहाल स्थानीय लोगें की मदद से तालिबान से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.
अगवा किए गए कर्मचारी केईसी के लिए काम करते हैं. ये कंपनी आरपीजी समूह की कंपनी है. यह अफगानिस्तान में काम कर रही बड़ी भारतीय कंपनियों में से एक है. इसका काम देश में बिजली की आपूर्ति करना है.
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब कर्मचारी उस इलाके का दौरा कर रहे थे, जहां कंपनी को एक बिजली का सब स्टेशन स्थापित करने के लिए ठेका मिला है. अफगानिस्तान में 150 से ज्यादा इंजीनियर और टेक्निकल एक्सपर्ट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट में काम करते हैं.
अफगानिस्तान में स्थानीय तौर पर फिरौती के लिए अपहरण एक आम बात है. गरीबी और बढ़ती बेरोजगारी ने इसे और ज्यादा बढ़ावा दिया है. साल 2016 में भी एक भारतीय सहायताकर्मी का अपहरण कर लिया गया था. 40 दिन बाद उसकी रिहाई हो पाई थी.