Election In Bangladesh: बांग्लादेश में हुए ग्राम परिषद चुनाव के दौरान हिंसा में सात लोगों की मौत हो गई है. अभी तक के मिले रुझानों के मुताबिक माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ दल की स्थिति और मजबूत होने की संभावना है. इस चुनाव को लेकर बांग्लादेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने यह कहते हुए चुनाव का बहिष्कार कर दिया कि विषम राजनीतिक माहौल निष्पक्ष भागीदारी को रोक रहा है. बता दें कि देश में पिछले दो राष्ट्रीय चुनावों में कदाचार के व्यापक आरोप लगाए गए थे और बांग्लादेश में, खासकर ग्रामीण परिषदों के चुनाव में राजनीतिक हिंसा के कारण मतदान प्रभावित हुआ है. हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के कितने सदस्यों को ग्रामीण परिषदों का प्रमुख चुना गया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त केएम नूरुल हुदा ने गुरुवार को मतदान से पहले चुनावी हिंसा के खिलाफ चेतावनी दी थी और कहा था कि किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं. इस चरण के चुनाव में एक करोड़ 50 लाख से अधिक मतदाताओं ने भाग लिया. इस चुनाव में 835 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे.
बांग्लादेश में चुनाव संबंधी हिंसक घटनाओं में इस महीने कम से कम नौ लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं. ढाका स्थित मानवाधिकार समूह आईन-ओ-सालिश केंद्र के अनुसार, जनवरी से अब तक चुनाव संबंधी हिंसा में 85 लोग मारे गए हैं और 6,000 से अधिक घायल हुए हैं.
कुल 4,571 परिषदें हैं, जिनके लिए चुनाव हो रहा है. इन्हें संघ परिषद के रूप में जाना जाता है. ये स्थानीय स्तर पर सामुदायिक विकास और लोक कल्याण सेवाओं के लिए जिम्मेदार हैं. इनके लिए विभिन्न चरणों में मतदान हो रहा है. जून में पहले चरण में, 204 परिषदों के लिए चुनाव हुए, जिसमें सत्ताधारी दल के 148 उम्मीदवार जीते और बाकी पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी रहे.
विश्लेषकों का कहना है कि गुरुवार का चुनाव प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के वास्ते 2023 के लिए अगले आम चुनावों से पहले अपनी स्थिति को मजबूत करने का एक अवसर है. उनकी पार्टी ने 2014 और 2018 में पिछले दो आम चुनावों में हेराफेरी के आरोपों के बावजूद भारी जीत हासिल की थी.
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