नई दिल्ली: आख़िरकार निर्भया के गुनहगारों को उनके किए की सजा मिल गई. तय समय के मुताबिक़ सुबह साढ़े पांच बजे चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया. आज देर रात सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की याचिका ख़ारिज कर दी. उसने फांसी पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी. जस्टिस भानुमित की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की और इसे ख़ारिज कर दिया. जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने कहा कि हमें याचिका में कोई आधार नजर नहीं आता. तीन सदस्यीय बेंच में जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएम बोपन्ना शामिल थे. इस फ़ैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज देश को न्याय मिल गया.
लगातार कानूनी दांव पेंच का इस्तेमाल करके बचने वाले ये गुनहगार इस बार भी यह उम्मीद कर रहे थे कि कोई ना कोई चमत्कार होगा और उनकी फांसी टल जाएगी. रात में ही इन लोगों की तरफ से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह होने वाली फांसी को टालने की याचिकाएं लगाई गई.
हालांकि निर्भया के हत्यारों की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. चार में से तीन दोषी निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे थे. इसके बाद दोषियों की याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज हो गई. सुनवाई के दौरान जस्टिस भानुमति ने कहा कि याचिका में हमें कोई आधार नजर नहीं आता. दोषियों के वकील एपी सिंह ने पवन के नाबालिग होने की दलील रखी थी.
फांसी से पहले जेल में ये हुआ
तिहाड़ जेल में चारों गुनहगारों को सुबह 3:15 बजे जगाया गया. हालांकि किसी भी गुनाहगार को पूरी तरह से नींद नहीं आई थी. फांसी घर के अधिकारियों ने चारों आरोपियों से नहाने को कहा. 4 बजे डीजी तिहाड़ संदीप गोयल जेल पहुंचे और जल्लाद जेल नंबर तीन के फांसी घर में पहुंचा. उप अधीक्षक जेल के कमरे से फांसी के रस्सी के बक्से लाए. आरोपियों से उनकी इच्छा के मुताबिक अंतिम पूजा पाठ करने को कहा गया.जेल प्रशासन ने अपनी तरफ से पूजा कराने के लिए एक पंडित का इंतजाम भी किया हुआ था.
इसके बाद गुनहगारों से चाय नाश्ता करने के लिए कहा गया. जल्लाद ने फांसी घर में 8 रस्सी लटकाए. फिर पश्चिमी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट जेल पहुंचे और चारों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई. जेल डॉक्टर ने चारों आरोपियों का अलग-अलग स्वास्थ्य परीक्षण किया. जल्लाद और आला जेल अधिकारी जेल की काल कोठरी में पहुंचे और चारों को काले कपड़े पहनाये गये. जेल में डीजी जेल, जेल अधीक्षक, तीन उप अधीक्षक, 2 डॉक्टर एक जिलाधिकारी एक पंडित भी मौजूद थे.
साल 2013 में निचली अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की सड़कों पर निर्भया के साथ गैंग रेप करने और उसकी जान लेने वाले चारों दोषियों को 2013 में ही निचली अदालत ने फांसी की सजा दे दी थी. 2014 में हाई कोर्ट और 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की पुष्टि की. इसके बाद एक-एक करके सभी दोषियों की पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी.
कब-कब जारी हुआ डेथ वारंट
पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी को पहला डेथ वारंट जारी किया था. इसके तहत चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का आदेश दिया था. इसके बाद दूसरा डेथ वारंट 17 जनवरी को जारी किया गया. इसके तहत चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह छह बजे फांसी होनी थी. इसके बाद 17 फरवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया. इसके तहत 3 मार्च को दोषियों को फांसी होनी थी.
आखिर में 5 मार्च को कोर्ट की तरफ से चौथा डेथ वारंट जारी किया गया. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फ्रेश डेथ वारंट जारी करते हुए दोषियों की मौत की सजा का दिन 20 मार्च की सुबह 5 बजकर 30 मिनट तय किया. इस बार निर्धारित तारीख पर मौत की सजा दी गई.