देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर जोरों पर है. ऐसे में चेन्नई में कोरोना महामारी फिर से पांव पसार रही है. हालांकि केंद्र सरकार ने अभी सभी उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की गाइडलाइन जारी नहीं की है लेकिन चेन्नई की नगरपालिका परिषद ने पिछले कुछ दिनों से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है. कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब सभी उम्र के लोगों को वैक्सीन देने की वकालत कर रहे हैं इस कड़ी में चेन्नई नगरपालिका परिषद चुपचाप इस काम को अंजाम देने में लग गई है. अभी तक केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर, 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग और किसी असाध्य रोग से पीड़ित 45 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है लेकिन चेन्नई नगर पालिका परिषद इस गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है.


चेन्नई की पीएचसी में अलग-अलग क्राइटेरिया
चेन्नई में कई पीएचसी ने वैक्सीन के लिए अलग-अलग क्राइटेरिया निर्धारित कर रखी है. एक पीएचसी 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगा रही गै जबकि दूसरी जगह असाध्य बीमारी से पीड़ित 45 से नीचे के लोगों को भी वैक्सीन लगा रही. 30 साल के कुछ युवाओं ने बताया कि उन लोगों को एक पीएचसी ने 2 बजे बाद आने के लिए कहा है. यहां उन लोगों को वे वैक्सीन लगाई जाएगी जिसे वेस्टेज में काउंट कर दिया जाता है. हालांकि किसे पहले वैक्सीन देनी चाहिए, इसकी प्राथमिकता कड़ाई से सरकार ने तय की थी लेकिन चेन्नई में इसका पालन नहीं किया जा रहा है.


वाइल खुलने के चार घंटे के बाद वैक्सीन वेस्ट हो जाती
कोवैक्सीन का एक वाइल जब खुल जाता है तो उसमें 20 डोज की खपत चार घंटे के अंदर करनी होती है जबकि कोवाशील्ड के एक वाइल में 10 डोज होती है. चेन्नई नगरपालिका की क्षमता एक दिन में 60 हजार लोगों को वैक्सीन देने की है. हालांकि एक दिन में 35,215 लोगों को ही वैक्सीन दी गई. सोमवार को तो सिर्फ 18,018 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई. अब तक चेन्नई में लगभग 5 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. इंफेक्शन डिजीज के विशेषज्ञ डॉ सुब्रमण्यम स्वामीनाथन ने बताया कि वैक्सीन के वेस्टेज होने से अच्छा है कि जो भी सामने आता है उसे वैक्सीन लगा दी जाए क्योंकि वाइल को खोल देने के चार घंटों के बाद यह बेकार हो जाता है. हालांकि यह अधिकारियों को तय करना है कि किसे पहले वैक्सीन लगाई जाए या किसे प्राथमिकता में रखी जाए.


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