Sewri Worli Elevated Corridor Update: मुंबई में करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत में बनकर तैयार हो रहा 4.50 किलोमीटर लंबा 'शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड कॉरिडोर' लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस प्रोजेक्ट की वजह से आसपास की रिहायशी इमारतों और घरों में दरारें पड़ रही हैं.
शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड कॉरिडोर वर्ली के शिवड़ी नाका से होकर वर्ली को जोड़ रहा है. इस प्रोजेक्ट का काम जोर शोर से चल रहा है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर रोड पर खुदाई का काम चल रहा है. शिवड़ी नाका के पास रहने वाले लोगों का आरोप है कि रोड के काम की वजह से आसपास की 7 से 8 इमारतों में दरारें पड़ रही हैं. यह दरारें पहले नहीं थीं. लेकिन काम शुरू होने के बाद इमारतों के पिलर और घर के दीवारों में क्रैक आ गया है.
इमारतों में करीब 400 से 500 परिवार
इन इमारतों में करीब 400 से 500 परिवार रहते हैं, जिनकी जिंदगी दांव पर लगी हुई है. यहां के एक घर के मालिक बीरेंदर सिंह का कहना है कि जबसे शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड रोड कॉरिडोर का काम शुरू हुआ है उसी समय से घर में दरारें पड़नी शुरू हुईं.
हमें दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाए
उन्होंने कहा कि शुरुआत में हल्की दरारें थीं, लेकिन जैसे-जैसे प्रोजेक्ट का काम आगे बढ़ता गया... घरों में और हमारे और आसपास की बिल्डिंगों में दरारें बढ़ने लगी हैं. ऐसे में हमें डर सताने लगा है कि हमारे साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इसीलिए हम सरकार से गुजारिश कर रहे हैं कि हमें दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाए.
एमएमआरडीए (MMRDA) का क्या कहना है
वहीं, एनएमआरडीए के कमिश्नर एस.वी. आर श्रीनिवास का कहना है कि शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के करण लोगों के घरों में दरारें पड़ने की बातों में कोई सच्चाई नहीं है. हमें कई स्थानीय लोगों ने घरों में पड़ रही दरारें को लेकर शिकायत की थी. लोगों से शिकायत मिलने के बाद हमने विजेटीआई (VJTI) से बिल्डिंग में पड़ रही दरारों को लेकर जांच करने के लिए कहा. VJTI की तरफ से जो जांच रिपोर्ट हमें सौंपी गई है उसमें कहीं पर भी इस बात का जिक्र नहीं है कि शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कारण घरों में दरारें पड़ रही हैं.
इमारतें 80 से 90 साल पुरानी
कमिश्नर ने आगे कहा, जिन बिल्डिंगों में दरारें देखने को मिल रही हैं वे सभी बिल्डिंगें 80 से 90 साल पुरानी हैं. संभवत यह एक कारण हो सकता है कि बिल्डिंगों में दरारें दिखाई पड़ रही हैं. जहां एक तरफ एमएमआरडीए ने बिल्डिंगों में रहने वाले लोगों की तरफ से किए गए दावे को खारिज किया है, वहीं स्थानीय लोग यह कह रहे हैं कि शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड रोड का काम शुरू होने के बाद ही घरों में, बिल्डिंग में दरारें दिखाई दे रही हैं.
शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट क्या है?
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक रोड (MTHL) से जुड़ने वाले वर्ली-शिवड़ी कॉरिडोर कनेक्टर की कुल लंबाई 4.5 किलोमीटर है. प्रोजेक्ट की कुल लागत 1200 करोड़ रुपये से अधिक है. शिवड़ी वर्ली एलिवेटेड रोड का काम जे. कुमार कंपनी को दिया गया है. प्रोजेक्ट का काम एमएमआरडीए के निगरानी में किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य साल 2023- 24 तक रखा गया है. इसे ये कॉरिडोर बांद्रा-वर्ली सी-लिंक के साथ एमटीएचएल से जुड़ जाएगा.
वर्ली-शिवडी कनेक्टर प्रोजेक्ट का भूमिपूजन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 21 फरवरी 2021 को किया था. यातायात की दृष्टी से महत्वपूर्ण वर्ली-शिवडी कनेक्टर राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है.
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