Srinivas BV: यूथ कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी निष्कासित नेता अंगकिता दत्ता की तरफ से दायर यौन और मानसिक उत्पीड़न मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को गुवाहाटी में पुलिस के सामने पेश हुए. इससे पहले हवाईअड्डे पर उतरने के बाद वह सुबह 11:00 बजे पानबाजार महिला थाने पहुंचे. श्रीनिवास के साथ उनके वकील और विधायक रकीबुल हुसैन और रेकीबुद्दीन अहमद सहित असम कांग्रेस के नेता भी थे.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, करीब डेढ़ घंटे थाने में बिताने के बाद वह शहर में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के कार्यालय के लिए रवाना हुए. एक घंटे बाद सीआईडी कार्यालय से बाहर आते समय उन्होंने संवादाताओं से कहा कि 'मामला अदालत में विचाराधीन है'. सीआईडी ​​ने भी इसी मामले में श्रीनिवास को अलग से नोटिस भी जारी किया था.


दत्ता ने दर्ज कराई थी शिकायत


अंगकिता दत्ता ने श्रीनिवास पर आरोप लगाते हुए 20 अप्रैल को दिसपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया कि पिछले छह महीनों से उसे लगातार परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है. अश्लील टिप्पणियां की जा रही हैं. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से श्रीनिवास के खिलाफ शिकायत करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी जा रही है.


दत्ता ने शिकायत में यह भी उल्लेख किया था कि रायपुर में पार्टी के हालिया पूर्ण सत्र के दौरान, आरोपी (श्रीनिवास) ने उनके साथ मारपीट की और शिकायत करने पर उसका करियर बर्बाद करने की धमकी दी. उन्होंने 18 अप्रैल को कई ट्वीट्स करते हुए यूथ कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ आरोप लगाए थे. 20 अप्रैल को एफआईआर दर्ज होने के बाद गुवाहाटी पुलिस की पांच सदस्यीय टीम 23 अप्रैल को बेंगलुरू गई और श्रीनिवास के आवास पर एक नोटिस चस्पा कर उन्हें 2 मई तक दिसपुर पुलिस स्टेशन में पेश होने का निर्देश दिया.


दत्ता के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी


अंगकिता दत्ता को कांग्रेस ने कारण बताओ नोटिस जारी किया और बाद में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें छह साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. श्रीनिवास ने दत्ता को एक कानूनी नोटिस भी भेजा था, जिसमें माफी की मांग की गई थी. नोटिस में माफी न मांगने पर उन्होंने कानूनी कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी थी. श्रीनिवास ने अग्रिम जमानत के लिए गौहाटी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और जब यह खारिज कर दी गई तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इसके लिए अपील की थी.


सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को उन्हें इस मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था. सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवास को जांच में सहयोग करने और 22 मई को गुवाहाटी में पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से की जा रही जांच में सहयोग करने का भी निर्देश दिया. इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि उनके युवा विंग के कार्यकर्ताओं को विभिन्न जिलों में पुलिस ने उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ एकजुटता दिखाने के लिए गुवाहाटी आने से रोका.


विपक्षी नेताओं ने कही ये बात


विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा, 'हम उस पार्टी के सदस्य हैं जो अहिंसा की विचारधारा पर चलने के लिए जानी जाती है. हम देश के कानून का सम्मान करते हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक श्रीनिवास यहां पुलिस के सामने पेश हो रहे हैं'. उन्होंने दावा किया कि असम के विभिन्न जिलों के युवा कांग्रेस के सदस्य गुवाहाटी में श्रीनिवास को अपना समर्थन दिखाना चाहते थे लेकिन, उन्हें स्थानीय पुलिस ने रोका और कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत गिरफ्तारी या अन्य कार्रवाई की धमकी दी.


गुवाहाटी पहुंचने के बाद से श्रीनिवास के साथ रहे हुसैन ने कहा कि हम हर निर्धारित नियम का पालन कर रहे हैं. अगर सरकार को इतना ही भरोसा है तो हम समझ नहीं पा रहे हैं कि वह लोगों पर बंदिशें क्यों लगा रही है?


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