BBC Documentary in Hyderabad University: हैदराबाद यूनिवर्सिटी में गुरुवार को ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (SFI) ने 2002 गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया. वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की छात्र शाखा एबीवीपी ने यूनिवर्सिटी कैंपस में बदले में विवादित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ चला दी. बता दें कि केंद्र सरकार ने बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री जिसका नाम ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ है पर प्रतिबंध लगा रखा है.
SFI ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करते हुए कहा, ‘‘एसएफआई के आह्वान पर गणतंत्र दिवस पर आयोजित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ की सफल स्क्रीनिंग की झलकियां. इसे देखने के लिए 400 से अधिक छात्र आए, जिन्होंने दुष्प्रचार और अशांति पैदा करने के एबीवीपी के प्रयासों को विफल कर दिया. एसएफआई छात्र समुदाय को सलाम करता है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परिसर में लोकतंत्र के लिए खड़े हुए हैं.’’
ABVP ने इस तरह जताया विरोध
जवाब में एबीवीपी के छात्रों ने गुरुवार को ही विश्वविद्यालय परिसर में ‘द कश्मीर फाइल्स’ का प्रदर्शन किया. विवेक अग्निहोत्री की ओर से लिखित और निर्देशित यह फिल्म पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों की तरफ से कश्मीरी हिंदुओं की हत्याओं के बाद कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन को दर्शाती है.
JNU मामले में वामपंथी छात्रों का प्रदर्शन
दूसरी तरफ विभिन्न वामपंथी संगठनों के सदस्यों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ गुरुवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. वामपंथी छात्रों ने दावा किया कि 2002 के गुजरात दंगों पर विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के दौरान उन पर पत्थर फेंके गए. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और अन्य संगठनों से जुड़े वामपंथी छात्रों ने एबीवीपी के खिलाफ नारे लगाए.
ABVP से जुड़े स्टूडेंट्स पर गुंडागर्दी का आरोप
आइसा की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष कासिम ने कहा, ‘‘एबीवीपी के गुंडों ने वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग के लिए एकत्र हुए छात्रों पर पथराव किया. यह गुंडागर्दी है.’’ बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक नयी सीरीज तैयार की है. बीबीसी का दावा है कि यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है. गुजरात दंगे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे.
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