Punjab: मोहाली में SGPC प्रमुख पर हुआ हमला, अज्ञात लोगों ने हरजिन्दर सिंह धामी के वाहन में की तोड़फोड़
Harjinder Singh Dhami Car: पुलिस के अनुसार, एसजीपीसी के अध्यक्ष मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर 'कौमी इंसाफ मोर्चा' में प्रदर्शनकारियों से मिलने जा रहे थे.
SGPC chief Dhami attacked in Mohali: पंजाब के मोहाली जिले में कुछ अज्ञात लोगों ने बुधवार (18 जनवरी) को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के प्रमुख हरजिन्दर सिंह धामी पर हमला कर दिया. इस हमले में हरजिन्दर सिंह धामी की कार में तोड़फोड़ की गई. हमले में एसजीपीसी अध्यक्ष बाल-बाल बचे. वह सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेने गए थे.
घटना में एसजीपीसी के प्रमुख को कोई चोट नहीं आई है. पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने पत्थरों और तलवारों से धामी की कार का पिछला शीशा तोड़ दिया. पुलिस अधिकारियों ने बताया, "कार का पिछला शीशा क्षतिग्रस्त हो गया लेकिन इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ."
'कौमी इंसाफ मोर्चा' के प्रदर्शन में जा रहे थे
पुलिस के अनुसार, एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर 'कौमी इंसाफ मोर्चा' में प्रदर्शनकारियों से मिलने जा रहे थे, तभी फेज VII वाईपीएस चौक पर उनकी कार पर हमला हुआ. बता दें कि कौमी इंसाफ मोर्चा का आयोजन विभिन्न मामलों में जेल की सजा काट चुके सिख कैदियों की रिहाई के लिए किया जा रहा है. वहीं, पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है.
घटना पर SGPC अध्यक्ष ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
इस घटना के बाद हरजिंदर सिंह धामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने पत्रकारों को बताया, "प्रदर्शन स्थल पर लोगों के एक बड़े समूह ने मेरे वाहन को रोकने की कोशिश की. उनमें से एक कार के सामने सड़क पर लेट गया, जबकि अन्य ने मेरी कार के आगे और पीछे के शीशे तोड़ दिए."
उन्होंने आगे कहा, "कौमी इंसाफ मोर्चा बंदी सिखों की रिहाई की मांग को लेकर 7 जनवरी से चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर धरना दे रहा है. बंदी सिख वे कैदी हैं जिन्हें पंजाब में उग्रवादी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने अपनी अनिवार्य जेल अवधि पूरी कर ली है."
सुखबीर सिंह बादल ने की घटना की निंदा
उधर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इस घटना की निंदा की है. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि घटना एसजीपीसी को कमजोर करने की गहरी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने इसे एसजीपीसी और पंथिक संस्थानों को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा बताया.
उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्य खालसा पंथ को वश में करने और विफल होने की हताशा से पैदा हुए हैं. अब पंथ में अराजकता और गृहयुद्ध पैदा करने का प्रयास किया जा रहा. अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी घटना पर नाखुशी जताई है.
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