मणिपुर में बीजेपी की सरकार पर छाया संकट खत्म, हेमंत शर्मा ने कहा- विकास के लिये BJP-NPP मिलकर काम करेंगे
मणिपुर में बीजेपी सरकार पर छाया संकट टल गया है. नाराज होकर बीजेपी की सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सहयोगी दल एनपीपी के चारों विधायक मान गए हैं. असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा की पहल के बाद दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बुधवार की शाम हुई बैठक के बाद यह मामला सुलझा.
नई दिल्ली: नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की जिसके बाद मणिपुर में अपनी सरकार को स्थिर रखने के लिये बीजेपी ने एक बार फिर क्षेत्रीय दल का समर्थन हासिल कर लिया. मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार एनपीपी के चार, बीजेपी के तीन बागी विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद मुश्किल में घिर गई थी.
बीजेपी के संकट मोचक और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हेमंत बिस्वा शर्मा एनपीपी के प्रतिनिधिमंडल को शाह से मिलवाने लेकर गए. एनईडीए में बीजेपी और पूर्वोत्तर के उसके सहयोगी दल शामिल हैं.
बैठक के बाद शर्मा ने ट्वीट किया, “कोनराड संगमा और मणिपुर के उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह के नेतृत्व में एनपीपी के प्रतिनिधिमंडल ने आज नयी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. मणिपुर के विकास के लिये बीजेपी और एनपीपी मिलकर काम करते रहेंगे.”
Sharing few images from meeting of NPP delegation led by @SangmaConrad and Dy CM of Manipur Sri Y Joy Kumar Singh with Hon President of @BJP4India Sri @JPNadda ji.@BJP4Manipur @NEDAIndia pic.twitter.com/GdnfJv0nvl
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 24, 2020
बाद में उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मुलाकात की.
एनपीपी और अन्य असंतुष्ट विधायक बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं.
पार्टी के पूर्वोत्तर मामलों के प्रभारी और महासचिव राम माधव ने इम्फाल में जोर देकर कहा कि राज्य सरकार स्थिर रहेगी. राम माधव ने इम्फाल हवाईअड्डे पर कहा, “यह मुझसे जान लीजिए, हम 2022 तक स्थिर हैं (जब राज्य में अगले विधानसभा चुनाव होने हैं).”
बीरेन सिंह ने भी इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की बात कहते हुए कहा कि यह एक “पारिवारिक मामला” है, और उम्मीद जताई कि राजनीतिक संकट जल्द सुलझ जाएगा. बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद क्षेत्रीय संगठन एनपीपी और अन्य के साथ मिलकर राज्य में गठबंधन सरकार बनाई थी.
मणिपुर बीजेपी के 3 विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था बता दें कि बीते 17 जून को राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले मणिपुर बीजेपी के 3 विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वहीं सहयोगी दल नेशनल पीपुल्स पार्टी के चारों मंत्रियों ने भी नाराजगी के कारण इस्तीफा देते हुए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसमें एनपीपी कोटे से डिप्टी सीएम बने जय कुमार सिंह भी शामिल थे. तृणमूल के एक और निर्दलीय विधायक भी बीरेन सिंह सरकार से अलग हो गए थे. कुल नौ विधायकों के बगावत के बाद बीरेन सिंह सरकार पर संकट मंडराने लगा. हालांकि 19 जून को हुए राज्यसभा चुनाव की एक सीट बीजेपी जीतने में सफल रही थी. बीजेपी उम्मीदवार को 28 वोट हासिल हुए थे. जिससे बीजेपी को लगा कि वह इस मुद्दे को सुलझा सकती है.
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भरोसेमंद असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा को मोर्चे पर लगाया. हेमंत बिस्वा शर्मा ने असंतुष्ट चारों विधायकों से बात करते हुए उन्हें मनाने की कोशिश की. 23 जून को हेमंत बिस्वा शर्मा इंफाल पहुंचे थे. इस दौरान वह विधायकों को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए राजी करने में सफल रहे. चूंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा, एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ऐसे में वह भी अपने विधायकों को मनाने में जुटे रहे. एक रणनीति के तहत दोनों नेता चारों असंतुष्ट विधायकों को लेकर दिल्ली पहुंचे. बुधवार की शाम साढ़े छह बजे वह गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे. यहां हुई मीटिंग के बाद एनपीपी के चारों असंतुष्ट विधायकों को बीजेपी नेता मनाने में सफल रहे.
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