श्रीनगर: पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक समस्या है जो विकास पैकेजों से खत्म नहीं हो सकती है.


शाह फैसल ने कहा, ‘‘जब नेताओं से पूछा जाता है कि मुद्दा क्या है तो वे कहते हैं कि कश्मीर एक समस्या है. उसे कुछ मौद्रिक पैकेज दे दें. 2004 के पैकेज का कुछ हिस्सा अब तक भी खर्च किया जाना बाकी है. क्या हमें बस पैसे की जरूरत है? क्या कश्मीरी भिखारी है ?’’


शाह फैसल ने आगे कहा, ‘‘हम उन्हें बताना चाहते हैं कि कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है.’’ बातचीत की वकालत करते हुए फैसल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को मिल-बैठकर कश्मीर मुद्दे का समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें पैसे फेंककर कश्मीरी लोगों की जिंदगी से नहीं खेलना चाहिए.’’


पिछले ही महीने सरकारी सेवा से इस्तीफा देने वाले फैसल यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर अपने गृह जिले कुपवाड़ा में अपनी पहली जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से कश्मीर की स्थिति ने उन्हें उन लोगों की आवाज बनने के लिए बाध्य किया जिनकी आवाज नहीं सुनी जाती है.


शाह फैसल ने कहा, ‘‘जब मैंने देश में विभिन्न अल्पसंख्यकों पर ढाये जा रहे अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज उठायी तब पिछले कुछ सालों से कश्मीर की स्थिति ने मुझे अपनी आवाज बुलंद करने के लिए बाध्य किया. हमने देखा कि कुछ पीएचडी अध्येताओं को शहीद किया जा रहा है, शिक्षित युवकों के बारे में बात करने वाला कोई नहीं है.’’


शाह फैसल ने कहा, ‘‘नेता अपनी कुर्सी से चिपके हैं और पैसे बना रहे हैं जबकि कश्मीरी उनके राजनीतिक अधिकारों के लिए बलिदान दे रहे हैं. कोई इस तरफ मुड़कर नहीं देख रहा.’’


अपने आईएएस कार्यकाल को जेल करार देते हुए फैसल ने कहा, ‘‘मैं आपको ईमानदारीपूर्वक कहूं तो मैंने पिछले 10 साल जेल में गुजारे हैं. इन दस सालों में कई तरीकों से मैंने अपने लोगों की सेवा करने का प्रयास किया और सफल भी हुआ. लेकिन मैंने देखा कि इन दस सालों में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी होने, दिल में आग जलने, अत्याचार और नाइंसाफी देखने के बावजूद मैं असहाय महसूस करता था.’’ उन्होंने कहा,‘‘मैं एक ऐसे मंच की तलाश में था जहां मैं कश्मीर के लोगों के लिए बात कर सकूं और उनकी बेहतरी के लिए काम भी कर सकूं.’’


शारदा चिटफंड घोटाला: 3 से 4 हजार करोड़ रुपये की लूट का है मामला, जानिए- 2013 से शुरू हुई जांच की पूरी कहानी


जानिए- कौन हैं कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार, जिनके लिए ममता बनर्जी धरने पर बैठी हैं