महाराष्ट्र: गवर्नर कोश्यारी 'विवादित पत्र' पर बोले शाह- ऐसे शब्दों से बचा जा सकता था
कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोलने को लेकर राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 'हिंदुत्व का मजबूत समर्थक' बताते हुए एक व्यंगात्मक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होने लिखा था कि ये जानकर बेहद हैरानी हो रही है कि क्या मुख्यमंत्री को 'पूजा के स्थानों के फिर से खोले जाने के कदम को स्थगित करने के लिए कोई दैवीय आदेश मिल रहा है'.
नई दिल्ली: हाल ही में महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे को एक विवादास्पद पत्र लिखा गया था. दरअसल महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम ठाकरे पर अपने पत्र में सवाल खड़े करते हुए लिखा था, 'कि क्या वह सेक्युलर हो गये हैं'. वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इस पत्र को लेकर कहा कि, कोश्यारी अपने शब्दों का सही प्रकार से इस्तेमाल कर सकते थे और इस तरह के शब्दों का चयन करने से बच सकते थे.
कोश्यारी ने व्यंगात्मक पत्र लिखा था
बता दें कि कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोलने को लेकर राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 'हिंदुत्व का मजबूत समर्थक' बताते हुए एक व्यंगात्मक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होने लिखा था कि ये जानकर बेहद हैरानी हो रही है कि क्या मुख्यमंत्री को 'पूजा के स्थानों के फिर से खोले जाने के कदम को स्थगित करने के लिए कोई दैवीय आदेश मिल रहा है'. या फिर वह स्वयं को 'धर्मनिरपेक्ष' बना चके हैं. एक शब्द जिससे वह(ठाकरे) नफरत किया करते थे.
पूरा पत्र पढ़ा है- अमित शाह
वहीं अमित शाह से यह सवाल पूछे जाने पर कि पार्टी ने कोश्यारी की टिप्पणी को किस तरह से लिया तो इस पर उन्होने कहा कि, उन्होने पत्र पढ़ा है. अमित शाह ने कहा कि, " उन्होने एक चलताऊ संदर्भ दिया है, मगर मुझे भी लगता है कि शब्दों का चयन उन्होने टाला होता तो ज्यादा अच्छा रहता. लेकिन इसके साथ ही मेरा यह भई मानना है कि वह(गवर्नर) उन विशेष शब्दों के चयन से बच सकते थे".
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